वोटर कार्ड को लेकर चली आ रही गड़बड़ी को ECI ने किया दूर, राजनीतिक दलों ने जताई थी आशंका

Must Read

ECI resolves Identical Voter Id Number Issue: मतदाता पहचान पत्र यानी वोटर कार्ड के एक जैसे नंबर के मामले पर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने बड़ा कदम उठाते हुए इस समस्या के समाधान का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक, 20 साल से चली आ रही एक जैसी EPIC संख्याओं की समस्या का समाधान हो गया है.
मतदाता पहचान पत्र में एक जैसे नंबरों का मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बना हुआ था. हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेताओं ने इसको लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े किए थे.
10.50 मतदान केंद्रों पर 99 करोड़ से ज्यादा वोटर की डेटाबेस की पड़ताल की गई
चुनाव आयोग ने पिछले करीब 20 साल से चली आ रही इस समस्या के समाधान के लिए सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारी और भारत के सभी 4123 विधानसभा क्षेत्रों के ERO की ओर से सभी 10.50 लाख मतदान केंद्रों में 99 करोड़ से अधिक मतदाताओं के पूर्ण चुनावी डेटाबेस की पड़ताल की गई. औसतन प्रति मतदान केंद्र पर लगभग 1,000 मतदाता हैं. पाए गए समान EPIC नंबरों की संख्या बेहद ही कम थी यानी औसतन 4 मतदान केंद्रों में लगभग 1 मतदाता के पहचान पत्र में इस तरह की गड़बड़ी पाई गई थी.
समान वोटर कार्ड नंबर वाले मतदाताओं को नए पहचान पत्र जारी
स्थानीय स्तर पर पड़ताल के दौरान पाया गया कि ऐसे समान वोटर कार्ड/ EPIC नंबरों के धारक अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों और मतदान केंद्रों में मतदाता थे. ऐसे सभी मतदाताओं को नए नंबर के साथ नए EPIC कार्ड यानी कि मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं.
वोटर कार्य का नंबर समान होने पर भी गड़बड़ी की संभावना नहीं
प्रत्येक मतदाता का नाम उस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में है जहां का वो निवासी है. समान संख्या का मतदाता पहचान पत्र (EPIC) होने से ऐसा कोई भी व्यक्ति किसी अन्य मतदान केंद्र पर मतदान नहीं कर सकता. इससे यह भी साफ हो जाता है कि अगर मतदाता पहचान पत्र पर समान नंबर था भी तब भी मतदान में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती थी और ना ही चुनावी नतीजे पर उसका किसी तरह का कोई असर पड़ा था.
2005 के बाद समान नंबरों वाली गड़बड़ी हुई थी शुरू
माना जा रहा है कि मतदाता पहचान पत्र में एक समान नंबरों वाली गड़बड़ी साल 2005 के बाद से शुरू हुई थी, जब विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विकेंद्रीकृत तरीके से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अलग-अलग अल्फान्यूमेरिक श्रृंखला का इस्तेमाल कर रहे थे. निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद साल 2008 में इन श्रृंखलाओं को फिर से बदलना पड़ा. इस दौरान कुछ विधानसभा क्षेत्रों ने गलती से पुरानी श्रृंखला का उपयोग करना जारी रखा या टाइपोग्राफिक गलतियों के कारण उन्होंने कुछ अन्य निर्वाचन क्षेत्रों को पहले से आवंटित श्रृंखला का इस्तेमाल कर वोटर कार्ड जारी कर दिए थे.

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -