राहुल गांधी ने ECI से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मांगी फुटेज, आयोग ने दिया ये जवाब

Must Read

Election Commission of India on Congress: मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज सार्वजनिक करने की मांगों के बीच, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के अधिकारियों ने शनिवार (21 जून) को कहा कि ऐसा कदम मतदाताओं की गोपनीयता और सुरक्षा से संबंधित चिंताओं का उल्लंघन होगा.
अधिकारियों ने दावा किया कि जो मांग एक तर्कसंगत अनुरोध के रूप में पेश की जा रही है, वह वास्तव में मतदाताओं की गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 में निर्धारित कानूनी प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पूरी तरह विपरीत है.
मतदाताओं की सुरक्षा को हो सकता है खतरा
अधिकारियों ने कहा कि फुटेज साझा करने से किसी भी समूह या व्यक्ति की ओर से मतदाताओं की आसानी से पहचान की जा सकेगी, जिससे मतदान करने वाले मतदाता और मतदान नहीं करने वाले मतदाता दोनों ही असामाजिक तत्वों के दबाव, भेदभाव और धमकी के जद में आ सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि यदि किसी विशेष राजनीतिक दल को किसी विशेष बूथ पर कम संख्या में वोट मिलते हैं तो वह दल सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आसानी से पहचान कर सकेगा कि किस मतदाता ने वोट दिया है और किस मतदाता ने नहीं और उसके बाद मतदाताओं को परेशान किया या डराया जा सकता है.
ECI ने राज्य निर्वाचन अधिकारियों को दिए फुटेज नष्ट करने के आदेश
भारतीय चुनाव आयोग ने दुर्भावनापूर्ण विमर्श बनाने के लिए उसके इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ों के इस्तेमाल की आशंका के चलते, 30 मई को एक पत्र में राज्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जाती है तो वे 45 दिनों के बाद ऐसे फुटेज को नष्ट कर दें.
45 दिन के भीतर चुनौती देने पर कोर्ट में उपलब्ध कराए जाते हैं फुटेज
अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि परिणाम की घोषणा के 45 दिनों के बाद किसी भी चुनाव को चुनौती नहीं दी जा सकती है, इसलिए इस अवधि से अधिक फुटेज को बनाए रखने से गलत सूचना और दुर्भावनापूर्ण विमर्श फैलाने के लिए इनका दुरुपयोग होने की आशंका बढ़ जाती है.
उन्होंने कहा कि यदि 45 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दायर की जाती है और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट नहीं किया जाता है, तो मांगे जाने पर इसे सक्षम अदालत को भी उपलब्ध कराया जाता है.
अधिकारियों के अनुसार, वोटरों की निजता और गोपनीयता बनाए रखना चुनाव आयोग के लिए समझौता योग्य नहीं है और इसने कानून में निर्धारित इस आवश्यक सिद्धांत पर कभी समझौता नहीं किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है.
कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों से चुनाव आयोग से महाराष्ट्र चुनाव के फुटेज की मांग की थी
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों की ओर से 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदान केंद्रों से शाम पांच बजे के बाद के सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मांग की थी.
सरकार ने रिकॉर्डिंग के दुरुपयोग को देखते हुए चुनाव नियमों में किया था बदलाव
पिछले साल दिसंबर में, सरकार ने सीसीटीवी कैमरों और वेबकास्टिंग फुटेज जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग के दुरुपयोग को रोकने के लिए सार्वजनिक निगरानी को रोकने के मकसद से चुनाव नियम में बदलाव किया था.

india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi

ENGLISH NEWS

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -