Amit Shah On Congress Allegations: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के लगाए आरोप का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कल से कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और वह इसकी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीआर अंबेडकर विरोधी है और आरक्षण और संविधान के खिलाफ है. गृह मंत्री ने खुद पर लगे एक आरोप के जवाब में कांग्रेस के 8 अपमान गिना दिए.
अमित शाह ने कहा, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के संपादित बयानों को सार्वजनिक किया. जब चुनाव चल रहे थे, तब मेरे बयान को AI का इस्तेमाल करके संपादित किया गया और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें. मैं उस पार्टी से हूं जो कभी भी अंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती. जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने अंबेडकर जी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है. मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी यह कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस नापाक प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था. मुझे बहुत दुख है कि आप भी राहुल गांधी के दबाव में इसमें शामिल हो गए हैं.”
अमित शाह ने गिनाए कांग्रेस के ‘अपमान’
1. उन्होंने कहा, “जब संविधान सभा अपना काम कर चुकी, फिर 1951-52 और 1954 में चुनाव हुआ दोनों बार कांग्रेस ने बाबा साहेब को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी.”
2. गृह मंत्री ने कहा, “जहां तक भारत रत्न देने का सवाल है तो कांग्रेस नेताओं ने कई बार खुद को ही भारत रत्न दिए हैं. 1995 में जवाहर लाल नेहरू ने, 1971 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दे दिया और 1990 में बाबा साहेब को भारत रत्न तब मिला जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं रही. 1990 तक कांग्रेस इसका जतन करती रही कि बाबा साहब को भारत रत्न न मिले.”
3. उन्होंने कहा, “यहां तक कि बाबा साहब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई.”
4. अमित शाह ने कहा, “जब तक कांग्रेस सत्ता में रही अंबेडकर जी का कोई भी स्मारक नहीं बनने दिया. जैसे-जैसे विरोधी दल की सरकारें आती रहीं उनके स्मारक बनते रहे.”
5. उन्होंने कहा, “नेहरू जी की अंबेडकर के प्रति नफरत जगजाहिर है. जब बीसी राव ने नेहरू जी को पत्र लिखकर कहा कि अंबेडकर जी मंत्रिमंडल से जाने का मन बना रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उनके जाने से मंत्रिमंडल पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.”
6. बीजेपी नेता ने कहा, “अंबेडकर जी के महान योगदान का मूल्यांकन नेहरू जी किस तरह से करते थे, इससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं हो सकता.”
7. अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू की एक किताब का जिक्र करते हुए कहा, “जब बंबई के एक मेयर ने नेहरू जी से कहा कि अंबेडकर के जन्म स्थान मऊ में उनका एक स्मारक बनाना चाहिए. इस पर 18 जून 1959 को पंडित जी ने कहा कि सरकार के स्मारक स्थापित करना बिल्कुल सामान्य बात नहीं होगी. आम तौर पर स्मारक निजी पहल से किया जाता है.”
8. एक और उदाहरण देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल पहली देश की कैबिनेट बनी. इसमें बाबा साहब अंबेडकर भी सदस्य थे. नेहरू की किताब में एक और उल्लेख आता है. नेहरू जी के आश्वासन के बाद भी अंबेडकर जी को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया.”
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