Digital Arrest: हैदराबाद का 44 साल का आईटी कर्मचारी साइबर अपराधियों के जाल में करीब 30 घंटे तक एक ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रहा. खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी बताने वाले इन अपराधियों ने उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाया और 40 लाख रुपए की मांग की. तकनीक का सहारा लेकर ये ठग पीड़ित को फर्जी दस्तावेज और गिरफ्तारी वारंट भेजते रहे, लेकिन व्यक्ति की अपनी सूझबूझ और पुलिस की मदद से वह बिना कोई रकम गंवाए इस जाल से निकल आया.
जानकारी के अनुसार ये घटना शनिवार (26 अक्टूबर) की सुबह से शुरू हुआ. पीड़ित ने बताया कि 25 अक्टूबर, शुक्रवार की रात को उसके पास कुछ संदिग्ध मैसेज आए थे. मैसेज में बताया गया था कि उसका आधार और मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा हुआ है. हालांकि उसने इन संदेशों को नजरअंदाज कर दिया.
वीडियो और वॉयस कॉल मिल रही थी धमकीव्यक्ति ने बताया कि 26 अक्टूबर की सुबह करीब 3 बजे से अपराधियों ने उसे एक मैसेजिंग ऐप के जरिए वीडियो और वॉयस कॉल करना शुरू किया और दावा किया कि वह मुंबई पुलिस से है. साथ ही आरोपियों ने उसे धमकाते हुए कहा अगर फोन काटने की कोशिश की तो तुम्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
फर्जी दस्तावेज और डर का माहौलअपराधियों ने उसे झूठे दस्तावेज जैसे एफआईआर और वारंट कॉपी भेजी, जिसकी वजह से आईटी अधिकारी घबरा गया. फिर उन्होंने उसे यकीन दिलाया कि उसका नाम केस से हटवाने के लिए वे ‘मामला सुलझा’ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उसे एक बड़ी रकम चुकानी होगी. उन्होंने उससे बैंक खाते में मौजूद रकम के बारे में पूछा और 25 लाख रुपए का हिसाब लिया. आरोपी ने ये भी बताया कि पुलिस लगातार उसे ढूंढ रही है. इस डर से वह घर छोड़कर एक होटल में ठहरने चला गया.
सतर्कता और पुलिस की मदद से मिली राहतअगले दिन 27 अक्टूबर को सुबह 4 बजे अपराधियों का कॉल डिसकनेक्ट हो गया तो आईटी कर्मचारी ने हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया. पुलिस के कांस्टेबल एम गणेश ने उसे समझाया कि ये एक फर्जीवाड़ा है. कांस्टेबल ने उसके पड़ोसी से संपर्क करवाया और उसे होटल से सुरक्षित बाहर निकाला. गणेश ने उसे अपराधियों के नंबर ब्लॉक करने का सुझाव दिया और उससे लगातार संपर्क में रहने की सलाह दी ताकि वह किसी गंभीर कदम की ओर न बढ़े.
चेतावनी और सावधानियांहैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने नागरिकों को सचेत किया है कि इस तरह की धमकियों में न आएं और ऐसे किसी भी संदिग्ध मामले में तुरंत पुलिस से संपर्क करें. ACP र्गशिव मूर्ति ने बताया कि कैसे सतर्कता से इस बार आईटी कर्मचारी ने अपनी मेहनत की कमाई बचा ली, लेकिन अपराधी तकनीक का गलत इस्तेमाल करके लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं और ऐसे में लोगो को जागरूक रहने की ज्यादा जरूरत है.
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