Congress News: कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन की घोषणा की है. पार्टी न केवल देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी, बल्कि 25 अप्रैल से 30 मई के बीच पूरे देश में करीब 49 ‘संविधान बचाओ’ रैलियां और बैठकों के साथ एक घर-घर जनसंपर्क अभियान भी चलाएगी.
यह अभियान फरवरी 2024 में अहमदाबाद में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) सत्र में पारित ‘न्याय पथ’ संकल्प को लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. कांग्रेस इसे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की बहाली के लिए एक आवश्यक कदम बता रही है. 25 अप्रैल को अभियान की शुरुआत होगी, उसी दिन जब दिल्ली की एक विशेष अदालत में नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट पर सुनवाई होनी है.
जानें पूरा शेड्यूल
राज्य स्तरीय रैलियां: 25 से 30 अप्रैल
जिला स्तरीय कार्यक्रम: 3 से 10 मई
विधानसभा क्षेत्र स्तरीय बैठकें: 11 से 17 मई
घर-घर संविधान बचाओ अभियान: 20 से 30 मई
इन आयोजनों के माध्यम से कांग्रेस मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के कमजोर होने के आरोपों को जनता के सामने रखना चाहती है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संदर्भ में कहा कि सोनिया और राहुल गांधी का नाम चार्जशीट में शामिल किया जाना एक “बड़ी साजिश” है और यह दिखाता है कि सरकार किस हद तक जाकर अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार का मकसद विपक्ष की आवाज को दबाना और जनता को गुमराह करना है. उन्होंने रायपुर अधिवेशन से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईडी की छापेमारी और अब अहमदाबाद सत्र के तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को एक ही रणनीति की कड़ी बताया.
जयराम रमेश ने ईडी की चार्जशीट को बताया ‘झूठा’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ईडी की चार्जशीट को “झूठ की शीट” बताते हुए कहा कि यह पूरा घटनाक्रम ध्यान भटकाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि ‘न्याय पथ’ के विचार और अहमदाबाद सत्र का संदेश देश के कोने-कोने तक पहुंचे.
कांग्रेस का यह अभियान न केवल एक चुनावी रणनीति है, बल्कि खुद को संविधान के रक्षक और लोकतंत्र के पैरोकार के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश भी है. बीजेपी द्वारा बार-बार किए गए हमलों के बावजूद कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह न झुकेगी, न डरेगी.
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