‘दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को निजी शैक्षणिक सस्थानों में मिले आरक्षण, कांग्रेस ने की मांग

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Congress demand of Reservation : कांग्रेस पार्टी ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिलाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 (5) को तुरंत लागू करने की मांग की है. कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल जयहिंद, कांग्रेस एससी विभाग के चेयरमैन राजेश लिलोठिया और कांग्रेस आदिवासी विभाग के चेयरमैन डॉ. विक्रांत भूरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 11 साल से निजी शैक्षणिक संस्थानों में दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के लिए आरक्षण पर कुंडली मारकर बैठने का आरोप लगाया. इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत सीमा हटाने और जाति आधारित जनगणना की समयसीमा तय करने की मांग को भी दोहराया.
कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा, “यूपीए सरकार के समय संविधान में 93वां संशोधन हुआ था, उसमें अनुच्छेद 15 (5) बना था. इसके तहत दलितों, आदिवासियों और समाज के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान किया गया था. उस समय सरकारी संस्थानों में ये आरक्षण लागू हो गया, लेकिन निजी संस्थानों के लोग इसे कोर्ट में ले गए, जहां ये मामला चलता रहा.
जनवरी, 2014 में ये तय किया गया कि सरकार निजी शैक्षणिक संस्थानों में दलितों, आदिवासियों और सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण दे सकती है. फिर देश में आम चुनाव हुए और मोदी सरकार सत्ता में आई. पिछले 11 वर्षों से संविधान में ये प्रावधान है कि निजी संस्थानों में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक विधि निर्माण की जरूरत है. लेकिन मोदी सरकार ने आजतक विधि निर्माण नहीं किया.
कांग्रेस मोदी सरकार को करेगी मजबूर- राजेश लिलोठिया
कांग्रेस एससी विभाग के चेयरमैन राजेश लिलोठिया ने आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को सामाजिक न्याय में सबसे बड़ी बाधा बताया. उन्होंने कहा, “50 प्रतिशत की सीमा को पार कर सामान्य वर्ग को EWS के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है तो दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए इस सीमा को पार क्यों नहीं की जा सकती.” उन्होंने कहा, ”जिस तरह कांग्रेस ने मोदी सरकार को जातिगत जनगणना के लिए मजबूर किया, उसी तरह वह आरक्षण की सीमा भी हटवाएगी.”
जातिगणन जनगणना की टाइमलाइन और डेडलाइन चाहिए- विक्रांत भूरिया
वहीं, आदिवासी विभाग के चेयरमैन विक्रांत भूरिया ने कहा कि मोदी सरकार पहले जाति जनगणना का विरोध कर रही थी, लेकिन अब राहुल गांधी के दबाव में उन्हें झुकना पड़ा है. उन्होंने सरकार से जातिगत जनगणना के रोडमैप, समयसीमा और प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जातिगत जनगणना पर हेडलाइन नहीं टाइमलाइन और डेडलाइन चाहिए.

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