कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरूवार (05 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सभी कमेटियों को भंग कर दिया है. इस कदम को पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. पिछले कुछ राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अपनी नई रणनीति की शुरुआत उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से करना चाहती है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) की सभी कमेटियां, उप-कमेटियां, और जिला स्तर की इकाइयों को भंग किया गया है.जिसके बाद सभी पुराने पदाधिकारी, कार्यकारी समिति के सदस्य, और विशेष प्रभार वाले नेता अब इन पदों पर नहीं रहेंगे.
फैसले के संभावित कारण2019,2024 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा.पार्टी को उत्तर प्रदेश में फिर से खड़ा करने की जरूरत है, जो एक समय कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था.खरगे के नेतृत्व में पार्टी युवा और जमीनी स्तर के नेताओं को आगे लाने की कोशिश कर रही है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पुराने कमेटी को बदलना और उसमें नई ऊर्जा को शामिल करना जरूरी है.
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटें आगामी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. संगठनात्मक बदलाव का उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करना है.पार्टी नए नेतृत्व का चयन करेगी, जो जमीनी मुद्दों को बेहतर तरीके से समझ सके. पुराने नेताओं की जवाबदेही तय करने का भी प्रयास होगा. कांग्रेस का यह फैसला उन क्षेत्रों में अधिक असर डालेगा जहां पार्टी का वर्तमान में कम प्रभाव है.
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