CBI Action In Railways Paper Leak Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) में विभागीय परीक्षा के पेपर लीक मामले का पर्दाफाश किया है. यह घोटाला मुगलसराय में हुआ, जहां CBI ने (3-4 मार्च, 2025) की रात छापेमारी कर 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इस मामले में एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी (Sr. DEE Ops), 8 अन्य रेलवे कर्मचारी और 17 लोको पायलट शामिल पाए गए.
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?पूर्व मध्य रेलवे ने 4 मार्च 2025 को चीफ लोको इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित की थी लेकिन परीक्षा से पहले ही CBI को सूचना मिली कि पेपर लीक हो चुका है. इसी आधार पर CBI ने मुगलसराय में 3 अलग-अलग जगहों पर छापा मारा, जहां 17 उम्मीदवारों को हाथ से लिखे प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी के साथ पकड़ा गया.
कैसे लीक हुआ था पेपर?CBI की जांच में सामने आया कि वरिष्ठ अधिकारी (Sr. DEE Ops) को इस परीक्षा का प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने खुद अंग्रेजी में प्रश्न पत्र तैयार किया और इसे एक लोको पायलट को दिया. लोको पायलट ने इसका हिंदी में अनुवाद कर इसे एक OS (Trg.) नामक कर्मचारी को सौंप दिया. इसके बाद OS (Trg.) ने अन्य रेलवे कर्मचारियों की मदद से यह पेपर परीक्षार्थियों तक पहुंचा दिया. CBI ने इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया और वरिष्ठ अधिकारी (Sr. DEE Ops) सहित कई रेलवे कर्मचारियों को रिश्वत लेने और प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
17 उम्मीदवार गिरफ्तार, नकद 1.17 करोड़ रुपये बरामदCBI ने जिन 17 लोको पायलटों को प्रश्न पत्र के साथ पकड़ा, उन्होंने इसे पाने के लिए मोटी रकम चुकाई थी. CBI ने 8 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की, जहां से 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए. यह पैसा परीक्षार्थियों से प्रश्न पत्र लीक करने के बदले लिया गया था.
CBI ने सबूत भी जुटाएCBI ने छापेमारी के दौरान हाथ से लिखे प्रश्न पत्र और उनकी फोटो कॉपी जब्त की. इन दस्तावेजों की मूल प्रश्न पत्र से तुलना की गई और ये पूरी तरह मेल खा गए. इससे साफ हो गया कि पेपर लीक का मामला सही है और इसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है.
मामले को लेकर जांच जारीCBI ने साफ किया है कि मामले की जांच अभी जारी है और इसमें और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है. रेलवे में विभागीय परीक्षाएं कर्मचारियों को पदोन्नति का अवसर देती हैं लेकिन ऐसे घोटालों से पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो जाते हैं.
निष्कर्षCBI की इस कार्रवाई ने रेलवे में चल रहे भ्रष्टाचार और परीक्षा लीक रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस घटना से रेलवे कर्मचारियों और उम्मीदवारों के चयन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठे हैं. अब देखना यह होगा कि CBI की आगे की जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है.
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