विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस अधिकारियों को किसी का पक्ष न लेने की चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रही है. अधिकारी ने दावा किया कि 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा में 57 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए, 1,000 से अधिक घायल हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए.
अधिकारी ने कहा कि चुनाव बाद की हिंसा में नारकेलडांगा में भाजपा कार्यकर्ता अविजित सरकार की हत्या के मामले में एक सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त, एक निरीक्षक और एक होमगार्ड को जेल भेजा गया था. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस घटना को नहीं भूलना चाहिए.
भाजपा हप पुलिसवालों पर रखे हुए है नजर
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैं उन कई आईपीएस अधिकारियों को चेतावनी दे रहा हूं, जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से अवैध कार्यों, अनियमितताओं और अपराधों में सहायता और प्रोत्साहन देते रहते हैं कि वे ऐसे कृत्य करना बंद करें. आपकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही है.’
उन्होंने कहा कि आपमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, भाजपा सब देख रही है. नारकेलडांगा के तीन पुलिस अफसरों के साथ जो हुआ, उसे मत भूलिये. अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग मवेशी, रेत और कोयला तस्करी और जबरन वसूली में संलिप्त है. उन्होंने दावा किया कि उनके पास इनके बारे में विशेष जानकारी है.
परेश पॉल और सत्तारूढ़ पार्टी के दो पार्षदों का नाम भी शामिल
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हुई सरकार की हत्या के मामले में तृणमूल विधायक परेश पॉल और सत्तारूढ़ पार्टी के दो पार्षदों का नाम भी सीबीआई के आरोपपत्र में शामिल था, लेकिन उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया, जिसने एजेंसी को एक अगस्त तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया.
सीबीआई ने 30 जून को इस मामले में अपना दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें 18 आरोपियों के नाम शामिल थे. इनमें नारकेलडांगा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी सुभाजीत सेन, हत्या मामले की जांच अधिकारी रत्ना सरकार और होमगार्ड दीपांकर देबनाथ शामिल थे.
15 लोगों में से 11 को जमानत
अदालत ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को सभी 18 आरोपियों को तलब किया था, जिनमें से 15 पेश हुए. अंतरिम राहत पाने वाले विधायक और पार्षद नहीं आए. पेश हुए 15 लोगों में से 11 को जमानत मिल गई. तीन पुलिसकर्मियों और एक सह-आरोपी सुजाता डे समेत चार को जेल हिरासत में भेज दिया गया. सेन पिछले साल नवंबर में सहायक आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि सरकार निरीक्षक के पद पर तैनात हैं और देबनाथ होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं.
ये भी पढ़ें:- अरब सागर में बढ़ेगी भारत की ताकत, इस द्वीप के अधिग्रहण की तैयारी में सरकार,जानें किसलिए होगा इस्तेमाल
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS