Samajwadi Party MP Remarks: राजस्थान और मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन की ‘देशद्रोही’ वाली टिप्पणी ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है. भाजपा ने इस बयान को राजपूत समाज और पूरे हिंदू समुदाय का अपमान करार दिया है और माफी की मांग की है.
दरअसल, राज्यसभा में गृह मंत्रालय पर चर्चा के दौरान सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि भाजपा अक्सर यह दावा करती है कि भारतीय मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, लेकिन वास्तविकता यह है कि बाबर को भारत बुलाने वाला राणा सांगा ही था.
रामजी लाल सुमन ने कहा, “अगर भाजपा यह दावा करती है कि मुसलमान बाबर के वंशज हैं, तो उसी तर्क से वे राणा सांगा के भी वंशज हैं, जिन्होंने बाबर को भारत बुलाया था. अगर बाबर आक्रमणकारी था, तो राणा सांगा भी जिम्मेदार थे.”
भाजपा की तीखी प्रतिक्रियासुमन की इस टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आपत्ति जताई. भाजपा सांसद संजीव बालियान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा,”तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर जाना शर्म की बात है. संसद में महान योद्धा राणा सांगा को देशद्रोही कहना न केवल राजपूत समाज बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज का घोर अपमान है.”
मनोज तिवारी और पीपी चौधरी ने भी किया विरोधभाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास है और कुछ लोग जानबूझकर औरंगजेब जैसे आक्रमणकारियों का महिमामंडन कर रहे हैं. उन्होंने कहा,”हमने कभी नहीं कहा कि भारतीय मुसलमान बाबर के वंशज हैं. यह देश सभी का है. लेकिन सपा सांसद का बयान ऐतिहासिक नायकों का अपमान है.” वहीं, भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने इसे अस्वीकार्य करार दिया. उन्होंने कहा,”समाजवादी पार्टी के सांसद की मेवाड़ के वीर योद्धा पर टिप्पणी ने हमारे इतिहास और संस्कारों का अपमान किया है.”
कौन थे राणा सांगा? राणा सांगा (संग्राम सिंह प्रथम) 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे. वह राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों पर शासन करते थे और दिल्ली सल्तनत के खिलाफ राजपूतों को एकजुट करने वाले योद्धा थे.
राणा सांगा और बाबर का ऐतिहासिक संदर्भ1526 में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर पानीपत की पहली लड़ाई में मुगल साम्राज्य की नींव रखी. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि राणा सांगा ने बाबर को दिल्ली सल्तनत के खिलाफ समर्थन देने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन बाद में बाबर ने ही 1527 में खानवा की लड़ाई में राणा सांगा को पराजित किया.
क्या यह बयान सपा के लिए बनेगा संकट?बता दें कि इस विवाद के बाद राजपूत समाज में भारी आक्रोश है और भाजपा इस मुद्दे को आने वाले चुनाव में भुनाने की तैयारी कर सकती है. भाजपा ने सपा से माफी मांगने की मांग की है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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