Cancer Treatment: नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने शनिवार (25 जनवरी) को चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी के जरिए ब्लड कैंसर के मरीज का सफल इलाज किया. ये थेरेपी लिंफोमा और ब्लड कैंसर जैसे गंभीर रोगों के इलाज में एक क्रांतिकारी कदम है. हॉस्पिटल की टीम ने मरीज को ये उन्नत उपचार देकर सफलता हासिल की जिससे ये भारत में केंद्र सरकार के अंतर्गत सीएआर-टी थेरेपी प्रदान करने वाला तीसरा हॉस्पिटल बन गया.
क्या है सीएआर-टी थेरेपी?
सीएआर-टी थेरेपी इम्यूनोथेरेपी का एक उन्नत रूप है जिसमें मरीज की टी-कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं को ज्यादा प्रभावी ढंग से पहचान सकें और उन्हें खत्म कर सकें. ये थेरेपी उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिन पर पारंपरिक इलाज असर नहीं करता. ऐसे में गैर-हॉजकिन लिंफोमा जैसे कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए ये तकनीक जीवन रक्षक साबित हो रही है.
सफलता के पीछे विशेषज्ञों की मेहनत
सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. संदीप बंसल के नेतृत्व में ये उपलब्धि हासिल हुई. ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. कौशल कालरा और उनकी टीम ने थेरेपी को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई. डॉ. कालरा ने बताया कि मरीज ने थेरेपी को अच्छी तरह सहन किया और ये रिजल्ट हॉस्पिटल के लिए प्रोत्साहनपूर्ण है.
इससे पहले उत्तर भारत में केवल एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ ने सीएआर-टी थेरेपी का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया था. सफदरजंग हॉस्पिटल की यह सफलता मेडिकल के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है. ये उपलब्धि उन मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं. सीएआर-टी थेरेपी से जुड़े इस सफल उपचार ने भारत में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है. सफदरजंग अस्पताल का यह कदम ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए एक नई राह खोलता है और इसे भविष्य में और बेहतर करने की दिशा में प्रेरित करता है.
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