Jyotiraditya Scindia and Sukanta Majumdar walk the Ramp: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार ने शनिवार (7 दिसंबर 2024) को नई दिल्ली में अपना खास टैलेंट दिखाया. उनके इस टैलेंट को देखकर हर कोई दंग रह गया. दरअसल, दोनों राजनीति के मैदान से अलग फैशन के रैंप पर चलते दिखे.
दोनों ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव फैशन शो में रैंप पर वॉक करके हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया. दोनों मंत्रियों ने पारंपरिक पूर्वोत्तर शैली की जैकेट पहनकर क्षेत्र के जीवंत फैशन को बढ़ावा देने के लिए रैंप पर वॉक किया.
पीएम मोदी ने किया था इस कार्यक्रम का उद्घाटन
यह फैशन शो तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव का हिस्सा था, जो पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सेलिब्रेट करता है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था. इसका उद्देश्य क्षेत्र के कपड़ा उद्योग, कारीगरी और अद्वितीय भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को प्रदर्शित करना है. इसमें फैशन शो में क्षेत्रीय शैलियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें पूर्वोत्तर फैशन केंद्र में रहा.
#WATCH | Delhi | Union Minister Jyotiraditya Scindia, along with MoS Sukanta Majumdar walked the ramp at the Ashtalakshmi Mahotsav fashion show, at Bharat Mandapam.(Source: Office of Jyotiraditya Scindia) pic.twitter.com/xO7F4o51d2
— ANI (@ANI) December 7, 2024
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शेयर किया अनुभव
ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के संचार और विकास मंत्री का पद भी संभालते हैं, ने कहा कि यह कार्यक्रम संस्कृति और रचनात्मकता का उत्सव था. उन्होंने रैंप पर चलते हुए अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, “पूर्वोत्तर भारत की जीवंत शैलियों को प्रदर्शित करने वाले फैशन शो में शानदार समय बिताया! प्रत्येक राज्य को प्रतिभाशाली कलाकारों और मॉडलों की ओर से खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया.”
क्या है अष्टलक्ष्मी महोत्सव
अष्टलक्ष्मी महोत्सव में कारीगरों की प्रदर्शनी, राज्य-विशिष्ट मंडप, तकनीकी सत्र और निवेशक सम्मेलन सहित कई कार्यक्रम शामिल होते हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पाद और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना है. असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम को ‘अष्टलक्ष्मी’ या समृद्धि के आठ रूप कहा जाता है. ये भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. यह महोत्सव जीवंत संगीत प्रदर्शनों और स्वदेशी व्यंजनों के माध्यम से क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है. संस्कृति, रचनात्मकता और आर्थिक अवसरों के अपने अनूठे मिश्रण के साथ, अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम बनने के लिए तैयार है.
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