Asaduddin Owaisi on all-party meeting: केंद्र सरकार आज (24 अप्रैल) एक सर्वदलीय बैठक कर रही है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी जाएगी और उनके विचार भी सुने जाएंगे. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह नेताओं को हमले से जुड़ी जानकारी देंगे. बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.
AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्हें इस बैठक में नहीं बुलाया गया. इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से फोन पर बात की. ओवैसी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि सभी पार्टियों को इस बैठक में शामिल किया जाए.
असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने कल रात किरेन रिजिजू से पहलगाम पर होने वाली सर्वदलीय बैठक को लेकर बात की थी. रिजिजू ने कहा कि वे सिर्फ उन पार्टियों को बुलाने की सोच रहे हैं, जिनके पास 5 या 10 सांसद हैं. जब ओवैसी ने पूछा कि कम सांसदों वाली पार्टियों को क्यों नहीं बुलाया जा रहा तो रिजिजू ने कहा कि बैठक बहुत लंबी हो जाएगी. ओवैसी ने जब कहा कि “फिर हमारा क्या?” तो रिजिजू ने मजाक में कहा कि आपकी आवाज वैसे भी बहुत तेज है.
ओवैसी ने कहा कि यह बीजेपी या किसी एक पार्टी की बैठक नहीं है, बल्कि यह एक सर्वदलीय बैठक है, जिसका मकसद आतंकवाद और उन्हें पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एकजुट और मजबूत संदेश देना है. उन्होंने पूछा, “क्या प्रधानमंत्री मोदी सभी पार्टियों की बात सुनने के लिए एक घंटा एक्स्ट्रानहीं दे सकते? आपकी अपनी पार्टी के पास भी अकेले बहुमत नहीं है.” ओवैसी ने कहा, “चाहे किसी पार्टी के पास 1 सांसद हो या 100, वे सभी भारत के लोगों द्वारा चुने गए हैं और इतने बड़े मुद्दे पर हर किसी की बात सुनी जानी चाहिए.”
ओवैसी ने किया PM मोदी से अनुरोध
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा है. इसलिए हर पार्टी की बात सुनी जानी चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि इस बैठक को एक सच्ची सर्वदलीय बैठक बनाया जाए. संसद में जिन-जिन पार्टियों के सांसद हैं, उन सभी को इस बैठक में बुलाया जाना चाहिए.”
सर्वदलीय बैठक क्यों होती है?
बुधवार को यह फैसला लिया गया कि सभी पार्टियों की बैठक बुलाई जाएगी. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने अलग-अलग पार्टियों से बात की. जब देश की सुरक्षा पर कोई बड़ा खतरा होता है, तब सरकार सभी राजनीतिक पार्टियों को एक साथ बुलाकर चर्चा करती है. ऐसा पहले भी हुआ है, जैसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन के बीच तनाव के समय. इस तरह की बैठकों का मकसद यह होता है कि देश की एकता दिखे और सभी नेता मिलकर समाधान पर बात करें. साथ ही, विपक्ष को भी मौका मिलता है कि वह सरकार से अपने सवाल पूछे और पूरी जानकारी ले सके.
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