55 लाख का हुआ नुकसान, फिर बेटे को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने पर खुश क्यों हैं आकाशदीप के पिता

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US Deportation: अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का प्लेन बुधवार (5 फरवरी, 2025) को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. इन 104 लोगों में अमृतसर जिले के बॉर्डर से लगते गांव राजाताल का आकाशदीप सिंह भी है, जो मात्र 14 दिन पहले ही अमेरिका गया था. हालांकि, आकाशदीप के पिता 55 वर्षीय स्वर्ण सिंह अब बेटे को घर वापस देख कर राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनके सामने बड़ी चिंता भी खड़ी हो गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कमाई करने के लिए गया आकाशदीप सिंह वापस लौट आया है, इस बात की उसके पिता को राहत तो है, लेकिन चिंता इस बात की है कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने अपनी ढाई में से 2 एकड़ जमीन बेच दी थी और अब आने वाले समय में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. स्वर्ण सिंह अमृतसर एयरपोर्ट के बाहर अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे, तभी उन्होंने बताया कि उन्हें पंजाब पुलिस से सूचना मिली कि उनका बेटा अमेरिका से निर्वासित हुआ है और वह 104 लोगों में शामिल है, जो अमृतसर पहुंचेंगे.
55 लाख में डील हुई थी
स्वर्ण सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्टडी परमिट पर कनाडा जाने की कोशिश की थी, लेकिन आईईएलटीएस परीक्षा में वह पास नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि आकाशदीप ने 2 साल तक इसकी तैयारी की, लेकिन जब वह सफल नहीं हुआ तो उसने 7 महीने पहले वर्क परमिट पर दुबई जाने का फैसला किया. वह चार लाख रुपए खर्च करके दुबई गया और एक ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने लगा और हर महीने का 50 हजार कमाता था, लेकिन उसे अमेरिका जाना था, इसलिए उसने दुबई के एजेंट से संपर्क किया. अमेरिका जाने के लिए 55 लाख रुपए में डील तय हुई थी. स्वर्ण सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने इस बारे में जब बताया तो उन्होंने धीरे-धीरे पैसे भेजने शुरू कर दिए.
14 दिन पहले ही पहुंचा था बेटा
आकाशदीप के पिता स्वर्ण सिंह ने बताया कि वह लगभग 14 दिन पहले ही अमेरिका गया था, लेकिन उसे भारत भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि भले ही उनका पैसे का नुकसान हुआ है, लेकिन वह खुश हैं कि उनका बेटा वापस घर लौट आया है.
बेची थी जमीन
स्वर्ण सिंह ने से जब यह पूछा गया कि उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए पैसे का इंतजाम कैसे किया तो उन्होंने बताया कि उनके पास ढाई एकड़ किसी भूमि थी, जिससे उनकी आजीविका चलती थी. बेटे को अमेरिका भेजने के लिए उन्होंने दो एकड़ जमीन बेच दी. अब उनके पास आधा एकड़ जमीन बची है, जिससे वह अपना और परिवार का खर्च चलाएंगे हैं. यही नहीं स्वर्ण सिंह ने पंजाब राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि युवाओं के पास नौकरी नहीं है, इसलिए विदेश जाने के लिए वह विकल्प तलाशते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार रोजगार के लिए पर्याप्त कदम उठाए तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होगी.
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