संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 21 दिन तक चलेगा. इस सत्र में सरकार की योजना है कि वह 15 महत्वपूर्ण विधेयक (बिल) सदन में पेश करे. इसको लेकर रविवार (20 जून, 2025) को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया. सरकार ने इसमें विपक्ष को इन प्रस्तावित बिलों की जानकारी दी.
इस बैठक में सरकार को विपक्षी दलों की तरफ से कई गंभीर सवालों का सामना करना पड़ा. विपक्ष ने खास तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर (युद्धविराम) का श्रेय लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया.
सत्र के दौरान विदेश दौरे पर रहेंगे पीएम मोदी
बैठक में यह जानकारी भी सामने आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद सत्र के दौरान 23 जुलाई से 26 जुलाई तक विदेश दौरे पर रहेंगे. ऐसे में विपक्ष ने इस पर भी आपत्ति जताई कि इतने अहम समय पर पीएम देश में नहीं होंगे.
कांग्रेस ने की पीएम मोदी से जवाब देने की मांग
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को देश को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमने युद्ध के समय सरकार का पूरा समर्थन किया था, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बयान दे रहे हैं, वे भारत की प्रतिष्ठा और सेना की बहादुरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.”
उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में शांति की बात पीएम ने की थी, लेकिन ढाई साल हो गए और अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए.
टीडीपी ने रखे छह मुद्दे
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सांसद लवु श्रीकृष्ण देवरायालु ने कहा कि उनकी पार्टी ने छह मुद्दे उठाए हैं.
1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना पर चर्चा हो ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके.
2. जल जीवन मिशन के तहत मिले फंड का सही उपयोग न होने की बात कही.
3. नदी जोड़ो परियोजना, खासकर गोदावरी- कृष्णा लिंक पर चर्चा की मांग की.
4. PLI योजना की सफलता को हर क्षेत्र में दोहराने की अपील की ताकि रोजगार बढ़ सके.
5. विदेशों में गए प्रतिनिधिमंडल की सफलता, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम पर चर्चा की मांग.
6. ऑनलाइन महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर संसद में बहस की बात कही.
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने सीजफायर करवाया, जबकि भारत सरकार कुछ नहीं कह रही है. उन्होंने कहा, “सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रंप का दावा कितना सही है. अगर सरकार संसद में जवाब नहीं देगी तो हम बाहर भी इस मुद्दे को उठाएंगे.” इसके अलावा उन्होंने दिल्ली की झुग्गियों को तोड़े जाने, बिहार में SIR एक्सरसाइज और चुनावी घोटाले जैसे मुद्दे उठाए.
बीजेडी नेता ओडिशा में कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
बीजू जनता दल (बीजेडी) के सांसद सस्मित पात्रा ने संसद में मांग की है कि देश के राज्यों में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती.पात्रा ने ओडिशा की दो दर्दनाक घटनाओं का ज़िक्र किया- एक कॉलेज छात्रा की आत्मदाह से मौत और 15 वर्षीय किशोरी को जिंदा जलाने की घटना. उन्होंने इन घटनाओं को राज्य में पूरी तरह कानून-व्यवस्था के पतन का संकेत बताया.
उन्होंने कहा कि ओडिशा की भाजपा सरकार इन मामलों में नाकाम रही है और अब राज्य में आम लोगों की सुरक्षा पर संकट खड़ा हो गया है. पात्रा ने संसद से अपील की कि इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र जवाब दे और ठोस बहस की जाए.
समाजवादी पार्टी ने विदेश नीति पर सवाल उठाए
रामगोपाल यादव ने कहा कि देश की विदेश नीति पूरी तरह फेल हो गई है. उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले को LG मनोज सिन्हा ने इंटेलिजेंस फेलियर बताया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने युद्ध रुकवाया, लेकिन दुनिया का कोई भी देश भारत के साथ नहीं खड़ा हुआ, जो चिंता का विषय है.” उन्होंने बिहार में वोटर लिस्ट से नाम हटाने के मुद्दे को भी उठाया.
सर्वदलीय बैठक के बाद क्या बोले किरेन रिजिजू?
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष समेत सभी पक्षों ने अपनी राय रखी है. जिन मुद्दों पर चर्चा की मांग हुई है, उन्हें संसद में उठाया जाएगा. किन विषयों पर चर्चा होगी, इसका अंतिम निर्णय व्यावसायिक सलाहकार समिति (BAC) में लिया जाएगा
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