‘800 साल पुरानी दरगाह है… कोई ताजमहल, लाल किला या कुतुब मीनार नहीं’, बोले अजमेर शरीफ के खादिम

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<p>अजमेर शरीफ दरगाह मामले में सरवर चिश्ती खादिम ने राजस्थान कोर्ट के फैसले पर कहा है कि दरगाह कमेटी का काम तो सिर्फ प्रबंधन और सुपरविजन है और कोर्ट ने उसको पार्टी बना दिया. राजस्थान कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, माइनॉरिटी मिनिस्ट्री और दरगाह कमेटी को पार्टी बनाया है. उन्होंने कहा कि यहां सारे रीति रिवाज हम करते हैं तो नोटिस हमें भेजा जाना चाहिए था. सरवर चिश्ती खादिम ने हिंदू सेना के दावे पर कहा कि आज तक किसी ने ऐसा दावा नहीं किया, जबकि यहां हिंदू रियासतें थीं, हिंदू राजाओं ने कई चीजें बनवाईं. उन्होंने यह भी कहा कि ये दरगाह मुगल काल में नहीं बनी है, ये आठ सौ साल पुरानी है और ये ताज महल, कुतुब मीनार या लाल किला नहीं है.</p>
<p>सरवर चिश्ती खादिम ने कहा, ‘यहां पर जो 8 हिंदू मुतवल्ली थे, उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा. आज जैसे नाजिम होता है दरगाह का. वैसे ही पहले मुतवल्ली होते थे. किसी ने दावा नहीं कि ये हिंदुओं का है. कई हिंदू राजाओं ने चीजें बनवाईं. यहां रजवाड़ा था. हिंदू जाट रियासतें थीं. राजस्थान में सिर्फ एक रियासत थी टोंक जो मुस्लिम नवाब था.’ उन्होंने बताया कि ये दरगाह मुगल एरा में नहीं बनी. मुगल तो 1536 के करीब आए. ये तो 800 साल पुरानी है. 1236 के करीब जब ख्वाजा साहब मुइनुद्दीन चिश्ती रहमनतुल्लाह की रूह परवाज की और ऊपर वाले से जा मिली तो तभी से ये मजार है. कभी किसी ने ये दावा नहीं किया.</p>

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