Agusta Westland Helicopter Scam: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 के 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड मामले में बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल को मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को जमानत दे दी है. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही थी और क्रिश्चन मिशेल छह सालों तक सीबीआई की कस्टडी में रहा था, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस घोटाले में क्रिश्चन मिशेल की बहन ने दावा किया था कि उनके भाई पर दबाव बना कर सोनिया गांधी का नाम बुलवाने की कोशिश की जा रही थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में मिशेल के वकील रोसमैरी पैट्रिजी और बहन साशा ओजेमैन ने दावा करके कहा था कि दुबई में भारत के जांच अधिकारी मिशेल पर यह प्रेशर बना रहे थे कि वह सोनिया गांधी को फंसा दे. उनके इस बयान के बाद सनसनी मच गई थी. मिशेल की बहन और वकील ने कहा था कि जांच अधिकारी दबाव बना रहे थे कि उनका भाई ये कबूलनामा दे कि हेलीकॉप्टर डील के समय मिशेल सोनिया गांधी से मिले थे और उनसे जान पहचान थी.
क्या कबूल कराना चाहते थे जांच अधिकारी?
बहन ने दावा किया था कि जो सच नहीं था वह मिशेल से कबूल कराना चाहते थे. मिशेल न कभी सोनिया गांधी से मिले थे न कोई घूसखोरी हुई थी. अगर मिशेल ऐसा कबूल करता तो आजादी मिल जाएगी, लेकिन मिशेल ने ऐसा करने से मना कर दिया था.
हाई प्रोफाइल केस में कई अधिकारियों को जेल
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला हाई प्रोफाइल केस था, इसमें 3600 करोड़ रुपयों में 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे. इसमें ये भी आरोप लगे थे कि कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए नेताओं और डिफेंस आर्मी ऑफिसर्स को घूस दी गई. इतना हाई प्रोफाइल था कि पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी भी फंस गए. एसपी त्यागी को जेल हो गई और घोटाले के शक में 2014 में डील कैंसिल कर दी गई, लेकिन आरोपों के सेंटर में तो ब्रिटिश आर्म्स कंसल्टेंट क्रिश्चन मिशेल था, जिसे अगस्ता वेस्टलैंड ने डील कराने के लिए मिडिल मैन की हैसियत से भारत भेजा था, जिसमें 7 परसेंट कमीशन भी फिक्स हुआ था.
2018 से सीबीआई की कस्टडी में था मिशेल
साल 2016 में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की तो पता लगा कि मिशेल ने अगस्ता से 225 करोड़ की घूस ली थी. इसके बाद मिशेल को 2017 में यूएई में गिरफ्तार किया गया. 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया. तब से लेकर जमानत मिलने तक वह सीबीआई की कस्टडी में रहा था.
जानें कब हुई थी डील
मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी में 1980 से दशक से काम कर रहा था. उसके पिता भी उसी कंपनी के साथ काम करते थे. इस घोटाले को लेकर इटली में भी खूब हंगामा हुआ था, लेकिन मामला तेजी में निपटाया गया और फिनमैकेनिका की सब्सिडरी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ समेत दो अधिकारियों को सजा भी हो गई. इस पूरे घोटाले में खास बात ये है कि सौदा साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हुआ था, लेकिन सरकार बदलने के बाद मनमोहन सिंह की सरकार में डील करेक्शन के साथ आगे बढ़ी.
3600 करोड़ रुपयों का था घोटाला
इस डील के तहत 3600 करोड़ रुपयों में वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे. चूंकि हेलीकॉप्टर बेचने वाली कंपनी फिनमैकेनिका इटालियन कंपनी थी इसलिए आसानी से कांग्रेस पर घोटाले का आरोप लग गए और सीबीआई को जांच सौंपी गई थी.
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