गूगल मैप्स से क्यों होते हैं सड़क हादसे? कंपनी ने बताई चौंकाने वाली वजह, जानें क्या कहा

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Google Maps: भारत में हाल के समय में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां गूगल मैप की दिशा-निर्देशों के कारण लोग गलत रास्तों पर चले गए और हादसे हो गए. इसको लेकर एबीपी न्यूज ने गूगल से ईमेल के जरिए कारणों और उसका पक्ष जाने के लिए संपर्क किया था, जिस पर गूगल की तरफ से एबीपी न्यूज को ईमेल के जरिए जवाब देते हुए बताया कि ऐसा क्यों होता है और इसे ठीक करने के लिए वह क्या कर रही है?
गूगल के प्रवक्ता के मुताबिक भारत एक बहुत बड़ा और विविधता से भरा देश है जहां सड़कें, मौसम और ट्रैफिक की स्थिति बहुत तेजी से बदलती रहती है. ऐसे में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए जो रास्ता कुछ देर पहले तक सबसे तेज और सुरक्षित होता है, उसके अचानक से बदलाव आ सकते है. इसी वजह से कभी-कभी गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है. हालांकि, कंपनी ने यह साफ किया कि वह लोगों की सुरक्षा और जानकारी की गुणवत्ता को बहुत गंभीरता से लेती है और इसे बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रही है.
भारत के लिए गूगल मैप कर रही खास तैयारी
गूगल के मुताबिक वह पिछले दस साल से भारत के लिए खासतौर पर गूगल मैप को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है. इसके लिए कंपनी AI तकनीक (यानि मशीन की सोचने की क्षमता) और भारत के स्थानीय भागीदारों की मदद से मैप को लगातार अपडेट करती है. अब तक गूगल भारत में 70 लाख किलोमीटर सड़कों, 30 करोड़ इमारतों और 3.5 करोड़ दुकानों और जगहों को मैप कर चुकी है. इसके जरिए लोग रियल टाइम ट्रैफिक की जानकारी पा सकते हैं, लाइव स्ट्रीट व्यू देख सकते हैं और बाढ़ या जाम जैसी दिक्कतों से बच सकते हैं. 
भारत में कई फीचर्स सबसे पहले लॉन्च किए
साथ ही गूगल ने भारत में कई फीचर्स सबसे पहले लॉन्च किए, जैसे लैंडमार्क से रास्ता बताने वाला फीचर, बिना इंटरनेट के चलने वाला ऑफलाइन मैप, बाइक और स्कूटर वालों के लिए टू-व्हीलर मोड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन की जानकारी देने वाला फीचर. गूगल ने यह भी बताया कि अब वह 15 से ज्यादा शहरों में मेट्रो, बस और ट्रेन की जानकारी भी दे रहा है. गूगल के मुताबिक हाल ही में कोच्चि और चेन्नई में गूगल ने ONDC और नम्मा यात्री के साथ मिलकर मेट्रो टिकट बुकिंग की सुविधा शुरू की है, जिससे लोग सीधे गूगल मैप ऐप से टिकट ले सकते हैं.
हर दिन लाखों बार अपडेट होता है मैप
गूगल के अनुसार वह हर दिन लाखों बार मैप को अपडेट करता है. इसके लिए कंपनी AI तकनीक, सैटेलाइट और स्ट्रीट व्यू तस्वीरें, सरकारी विभागों से जानकारी और भारत के 60 मिलियन यानी 6 करोड़ से ज्यादा यूजर्स की मदद लेती है, जो मैप में खुद जानकारी भेजते हैं.
गूगल ने बताया कि वह कई ट्रैफिक पुलिस विभागों के साथ मिलकर भी काम करता है, ताकि त्योहारों या बड़े आयोजनों के दौरान ट्रैफिक में होने वाले बदलावों की जानकारी समय पर मैप में अपडेट की जा सके. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में G20 सम्मेलन, क्रिकेट वर्ल्ड कप, कोलकाता की दुर्गा पूजा और उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले के दौरान यह काम किया गया. 
अभी भी सुधार की जरूरत- गूगल
गूगल ने यह भी बताया कि हाल ही में उसने सड़क हादसों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को और आसान बनाया है और दो नए अलर्ट (कोहरे और पानी भरी सड़कों के लिए) भारत में जोड़े हैं, ताकि लोग समय पर सावधान हो सकें. गूगल ने स्वीकार किया कि अभी भी सुधार की जरूरत है, लेकिन वह लगातार यूजर्स से फीडबैक लेकर और तकनीक की मदद से मैप को और बेहतर बना रहा है. कंपनी ने कहा, “हम यूजर्स की सुरक्षा को सबसे ऊपर मानते हैं. हम हमेशा लोगों की राय सुनते हैं और गूगल मैप को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम करते रहते हैं.”

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