Mumbai Terrorist Attack: एनआईए देश के सबसे बड़े दुश्मन आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से दिल्ली ला रही है. तहव्वुर राणा अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद अब भारत आ रहा है. तहव्वुर को लेकर एक विशेष विमान बुधवार (9 अप्रैल 2025) को अमेरिका से उड़ान भर चुका है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल के साथ बैठक की.
भारत आने के बाद तहव्वुर के साथ क्या-क्या होगा?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक तहव्वुर राणा गुरुवार (10 अप्रैल 2025) को दिल्ली पहुंचेगा, जिसके तुरंत बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसे गिरफ्तार करेगा. बताया जा रहा है कि तहव्वुर को दिल्ली की एक अदालत में पेश किए जाने की संभावना है. मुंबई पुलिस को अभी आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि उसे वहां कब ट्रांसफर किया जाएगा.
NIA की ये टीम तहव्वुर को ला रही
एनआईए ओर रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संयुक्त टीम उसे वापस भारत ला रही है. एनआईए के आईजी आशीष बत्रा और डीआईजी जया रॉय तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए 7 सदस्यों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. उनकी टीम में रॉ और विदेश मंत्रालय के 3 अधिकारी भी शामिल हैं. सुरक्षा चिंताओं के कारण एनआईए की टीम तहव्वुर राणा को स्पेशल विमान से ला रही है. दिल्ली में पूछताछ के बाद एनआईए ट्रांजिट रिमांड के जरिए तहव्वुर राणा को मुकदमे का सामना करने के लिए मुंबई ले जाएगी.
26/11 आतंकी हमले के एक साल बाद हुआ गिरफ्तार
26/11 आतंकी हमले के मुख्य आरोपी डेविड ने कहा था कि तहव्वुर राणा ने आतंकी अभियान के लिए सामानों की सप्लाई और वित्तीय सहायता की थी. हेडली ने हमलों से पहले राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के कर्मचारी के रूप में मुंबई की रेकी की थी. संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने मुंबई हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था.
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले के चिचावतनी शहर में हुआ था. वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में काम कर चुका है. तहव्वुर 1990 के दशक के अंत में पाकिस्तानी सेना छोड़कर कनाडा चला गया और बाद में उसे कनाडा की नागरिकता मिल गई.
भारत के कई राज्यों में आतंकवादी हमले की साजिश
सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि तहव्वुर राणा और डेविड हेडली बचपन का दोस्त है. हेडली और राणा ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (HUJI) के सदस्यों के साथ मिलकर दिल्ली और भारत के अन्य स्थानों पर आतंकवादी हमले की आपराधिक साजिश रची थी.
साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थ. इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. नवंबर 2012 में, पाकिस्तानी समूह के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी.
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