जिस मां ने सड़क से उठाकर दी थी जिंदगी, 13 साल की बेटी ने दो युवकों संग मिलकर की उसी की हत्या

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Woman Killed in Odisha: ओडिशा के गजपति जिले से एक बेहद हैरान करने देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक 13 साल की बेटी ने दो युवकों के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या दी. आरोपियों ने इस अपराध को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया था, जिससे किसी को भी इस घटना पर शक नहीं हुआ. हालांकि, 54 साल की राजलक्ष्मी कर की मौत के दो हफ्ते के बाद हत्या की बात सबके सामने आ गई.
दरअसल, राजलक्ष्मी ओडिशा के गजपति जिले के परलाखेमुंडी शहर में अपनी गोद ली हुई बेटी के साथ रहती थी, जो 8वीं क्लास में पढ़ती है. पुलिस के मुताबिक, 13 साल की लड़की ने दो युवकों के साथ मिलकर 29 अप्रैल को परलाखेमुंडी में अपने किराये के घर में अपनी मां राजलक्ष्मी कर की हत्या की.
महिला की हत्या के पीछे क्या था कारण?
पुलिस के मुताबिक, राजलक्ष्मी अपनी 13 साल की बेटी के दो युवकों के साथ रिलेशनशिप में होने के खिलाफ थी. इसके अलावा आरोपी लड़की अपने मां की संपत्ति पर अपना अधिकार करना चाहती थी. अपनी मां को रास्ते से हटाने के लिए आरोपी ने राजलक्ष्मी कर को पहले नींद की दवा देकर सुला दिया और उसके बाद अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर तकिये से उनका चेहरे दबाकर दम घोंटकर उनकी जान ले ली.
किसी को इस हत्या का पता न चले इसके लिए आरोपियों ने पूरी प्लानिंग कर ली थी. राजलक्ष्मी को मारने के बाद आरोपी महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इसके अगले दिन महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
राजलक्ष्मी पहले से दिल की बीमारी से ग्रस्त थी, इसलिए आरोपी बेटी ने परिवारवालों और अस्पताल में डॉक्टरों से कहा कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, जिससे किसी को भी उनके मौत पर कोई शक नहीं हुआ.
हत्या का कैसे हुआ खुलासा?
राजलक्ष्मी की हत्या का खुलासा दो हफ्ते बाद तब हुआ, जब राजलक्ष्मी कर के भाई सिबा प्रसाद मुखर्जी के हाथ उनकी बेटी का मोबाइल लग गया, जो भुवनेश्वर में छूट गया था. वहीं, जब इस मोबाइल की जांच की गई तो इंस्टाग्राम चैट पर राजलक्ष्मी की हत्या की पूरी प्लानिंग डिटेल में मिल गई. इन चैट में सोने के गहने और नकद रुपयों का भी जिक्र किया गया था. इस खुलासे के बाद सिबा प्रसाद मिश्रा परलाखेमुंडी थाने पहुंचकर पुलिस रिपोर्ट लिखवाई. जिसके बाद पुलिस ने हत्या के तीनों आरोपियों, राजलक्ष्मी कर की 13 साल की गोद ली हुई नाबालिग बेटी, 21 साल का मंदिर का पुजारी गणेश रथ और 20 साल के उसके दोस्त दिनेश साहू को गिरफ्तार कर लिया.
3 दिन की उम्र में राजलक्ष्मी ने सड़क से उठाकर बच्ची को पाला था
ओडिशा के गजपति जिले के एसपी जतिंद्र कुमार पांडा के मुताबिक, “राजलक्ष्मी और उनके पति ने करीब 14 साल पहले एक नवजात बच्चे को सड़क के किनारे पाया था. दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने ही इसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई थी. लेकिन उसके एक साल के बाद ही राजलक्ष्मी के पति की मौत हो गई और तब से राजलक्ष्मी ने अकेले ही अपनी बेटी की जिम्मेदारी उठाई ली. वहीं, कुछ सालों के बाद राजलक्ष्मी केंद्रीय विद्यालय में अपनी बेटी को पढ़ाई कराने के लिए परलाखेमुंडी आ गई और शहर में एक किराये का घर लेकर रहने लगी थी.”

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