ट्रंप के टैरिफ ने धाकड़ इन्वेस्टर्स को भी किया कंगाल, अब ₹10 लाख कहां लगाएं ताकि 10 साल बाद बने करोड़ों का खेल?

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नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी ट्रंप के टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजार में हलचल बढ़ गई है. भारतीय शेयर बाजार 7 अप्रैल को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था. निफ्टी 3.24 फीसदी गिरकर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 2.95 फीसदी फिसलकर क्लोज हुआ.

ईटी वेल्थ से बात करते हुए मार्केट एक्सपर्ट्स जोर देते हैं कि निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए. अब आपके निवेश विकल्पों में बहुत ज्यादा साहसी होने का समय नहीं है. 2 जनवरी से 4 मार्च के बीच एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 9 फीसदी गिरा, फिर 25 मार्च तक 7 फीसदी की रिकवरी की. हालांकि, अगर ग्लोबल टेंशन बनी रहती हैं और घरेलू मंदी जारी रहती है, तो शेयर बाजार में कोई भी सुधार अल्पकालिक साबित हो सकता है. लैडरअप एसेट मैनेजर्स के एमडी राघवेंद्र नाथ कहते हैं, “हाल के हफ्तों में बाजार ने ऊपर की ओर ट्रेंड दिखाया है, लेकिन इस रैली की स्टेबलिटी आगामी कॉर्पोरेट अर्निंग और ग्लोबल इकोनॉमी जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करती है.”

भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत अभी भी मजबूतएक और बड़ी गलती होगी अपने निवेश को रोकना या बाहर निकलना. गोलटेलर के फाउंडर विवेक बांका चेतावनी देते हैं, अभी के समय में निवेशकों को सबसे ज़रूरी ये है कि वे टिके रहें और खेल से बाहर न हों, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत अभी भी मजबूत बनी हुई है.”

समय-समय पर निवेश की समीक्षा1 फाइनेंस के सीनियर वीपी अखिल राठी कहते हैं, ”बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य बात है. ये दौलत बनाने के लिए जरूरी भी है. जरूरी ये है कि आप एक मजबूत और संतुलित निवेश योजना पर टिके रहें. समय-समय पर निवेश की समीक्षा करते रहें.”

स्टॉक्स चुनते समय रखें सावधानीपीएल कैपिटल के सीईओ-वेल्थ इंदरबीर सिंह जॉली कहते हैं, “अब रिटर्न धीरे-धीरे मिलेंगे. स्टॉक्स चुनते समय बहुत सावधानी रखनी होगी, खासकर छोटे और माइक्रो कैप शेयर जो पहले बहुत महंगे हो चुके थे. यह साल समझदार निवेशकों का साल होगा.”

केवल रिटर्न देखकर निवेश करना समझदारी नहींफंड्सइंडिया के अनुसार, 2019-21 के टॉप परफॉर्मिंग 10 में से 6 फंड फिलहाल टॉप-100 में भी नहीं हैं. केवल 2 स्कीम टॉप-20 में बनी हुई हैं. इसी तरह, 2022-24 के टॉप-10 प्रदर्शन करने वाली स्कीम्स में से केवल एक ही 2019-21 के टॉप-10 में थी. वेंचुरा सिक्योरिटीज के डायरेक्टर जुजर गबाजीवाला कहते हैं, “हर बार टॉप फंड बदलते हैं, इसलिए केवल रिटर्न देखकर निवेश करना समझदारी नहीं है.”

अच्छे रिटर्न दे सकते हैं डेट फंड्सबांका का मानना है कि निकट भविष्य में सोना और फिक्स्ड इनकम अच्छा प्रदर्शन करेंगे. जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था धीमी होती है, आगे ब्याज दरों में कटौती की संभावना है, जिससे डेट फंड्स अच्छे रिटर्न देंगे.

अगर आप रिस्क लेने वाले निवेशक हैं तो अब निवेश का सही समय है. एसआईपी के जरिए नियमित निवेश करें और धीरे-धीरे बढ़ाते रहें. एक्सपर्ट्स पोर्टफोलियो का एक अहम हिस्सा (लगभग 75-80%) इक्विटी में आवंटित करने का सुझाव देते हैं. नाथ लॉर्ज कैप (30%), फ्लेक्सी-कैप (20%) और मल्टी कैप फंड्स (20%) की ओर झुकाव का सुझाव देते हैं, जबकि बाकी मिड-कैप (15%) और स्मॉल-कैप फंड्स (15%) में पार्क किए जा सकते हैं

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