Last Updated:January 16, 2025, 11:11 ISTBusiness Success Story: विद्या अमोल नगराले ने यवतमाल के सिंधखेड़ गांव में समृद्धि गृह उद्योग की शुरुआत की. बता दें कि 10 दिनों की प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने पापड़, अचार, और चटनियां बनाना शुरू किया. आज उनका बिजनेस न केवल महाराष्ट्र में बल्कि विदेशों में…और पढ़ेंबिजनेस में सफलता की कहानीयवतमाल: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के नेर तालुका स्थित सिंदखेड गांव की विद्या अमोल नगराले ने 4 साल पहले समृद्धि गृह उद्योग की शुरुआत की. यह उद्योग शुरू करने से पहले विद्या ने ग्रामीण स्वयम रोजगार संस्था से 10 दिन की ट्रेनिंग ली, जिसमें उन्होंने पापड़, अचार, मसाले और चटनी बनाने की कला सीखी. इस ट्रेनिंग के बाद उन्होंने कर्ज लेकर बिजनेस की शुरुआत की. आज उनका बिजनेस महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हो गया है.
आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हुए किया बिजनेस की शुरुआतबता दें कि विद्या नगराले बताती हैं कि उनका परिवार यवतमाल के सिंदखेड का रहने वाला है. उनके पति अमोल गायन के शौक को पेशेवर रूप में अपनाए हुए थे, जिससे उनका गुजारा हो रहा था, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के खर्चे के कारण आर्थिक समस्याएं बढ़ रही थीं. ऐसे में विद्या ने परिवार की एक एकड़ जमीन पर हल्दी की खेती शुरू की और पाउडर बनाना शुरू किया. साथ ही, उन्होंने पशुपालन भी किया, जिससे मिलने वाला दूध डेयरी में दिया जाता था.
चटनी और मसाले का बिजनेस कैसे शुरू कियाइस दौरान विद्या को हल्दी पाउडर के साथ मसाले और चटनी बनाने का विचार आया. उन्होंने ग्रामीण स्वयम रोजगार प्रशिक्षण संस्थान से 10 दिन का ट्रेनिंग ली, जहां उन्होंने अचार, पापड़ और चटनी बनाने के तरीके सीखे. इसके बाद उन्होंने 1 लाख रुपये का कर्ज लिया और अपने बिजनेस की शुरुआत की. सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने अपने उत्पादों का प्रचार किया और बड़े शहरों में होने वाली प्रदर्शनियों से बिक्री को बढ़ावा मिला.
प्रदर्शनियों से मिली सफलताविद्या की समृद्धि गृह उद्योग को मुंबई के महालक्ष्मी सरस प्रदर्शनी में भी बिक्री के लिए भेजा गया, जहां उनके उत्पादों की मांग बढ़ी. इसके अलावा, अन्य प्रदर्शनियों से भी उनके बिजनेस को फायदा हुआ. वे जवस, मूंगफली, करी पत्ता, तिल, नारियल जैसी चटनियां तैयार करती हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध करी पत्ता चटनी है. यह चटनी विदेशों में भी बिकती है.
महिलाओं को रोजगार देने की दिशा में कदमविद्या ने 6 महिलाओं को रोजगार दिया है और कच्चा माल स्थानीय किसानों से खरीद कर बिजनेस बढ़ाया है. उनके बिजनेस से हर साल लगभग 1 लाख रुपये का मुनाफा होता है. इसके साथ ही, वे ग्रामीण स्वयम रोजगार प्रशिक्षण संस्थान में ट्रेनर के रूप में भी कार्य करती हैं और अब तक 25 बचत समूह की महिलाओं को अचार, पापड़ और मसाले बनाने का ट्रेनिंग दे चुकी हैं.
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आने वाले समय में बड़ा रोजगार अवसरलोकल 18 से बात करते हुए विद्या का कहना है कि आने वाले दिनों में उनका बिजनेस और भी बड़े स्तर पर फैलेगा, जिससे और भी लोगों को रोजगार मिलेगा. उनका यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.
First Published :January 16, 2025, 11:11 ISThomebusinessकर्ज लेकर शुरू किया बिजनेस, आज विदेशों में भी बिकता है ये चटनी का ब्रांड!
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