Last Updated:February 10, 2025, 17:31 ISTSuccess Story: आज कल्याण ज्वैलर्स को भला कौन नहीं जानता. लेकिन 1993 में टी. एस. कल्याणरमन ने इसका पहला स्टोर खोला था. बिजनेस की रणनीति ऐसी थी कि हिट होने से कोई रोक नहीं सकता था. ऐसी क्या रणनीति थी? चलिए जानते …और पढ़ेंटी. एस. कल्याणरमन (T.S. Kalyanaraman).Success Story: भारत में सोने के आभूषणों का बाजार सदियों से समृद्ध रहा है. लेकिन एक समय था जब इस उद्योग में पारदर्शिता की भारी कमी थी. ग्राहक अक्सर सोने की शुद्धता और कीमतों को लेकर असमंजस में रहते थे. ऐसे समय में एक व्यक्ति ने इस कमी को महसूस किया और इसी के इर्द-गिर्द अपना बिजनेस शुरू किया. आज उस व्यक्ति को भारत के बड़े रईसों की कैटेगरी में गिना जाता है. उनका नाम है टी. एस. कल्याणरमन (T.S. Kalyanaraman). अपने पिता की दुकान में बैठकर बिजनेस के पहले गुर सीखने वाले कल्याणरमन भारत की सबसे बड़ी ज्वेलरी चेन का मालिक है. चेन का नाम है कल्याण ज्वैलर्स (Kalyan Jewellers).
टी. एस. कल्याणरमन का जन्म 23 अप्रैल 1947 को केरल के त्रिशूर (Thrissur) में हुआ था. त्रिशूर को ‘गोल्ड कैपिटल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह शहर सदियों से सोने और सोने के आभूषणों के लिए प्रसिद्ध रहा है. उनका परिवार कई पीढ़ियों से वस्त्र और आभूषण के कारोबार में था.
बचपन से ही कल्याणरमन ने अपने पिता के साथ व्यापार में समय बिताना शुरू कर दिया था. जब वे मात्र 12 साल के थे, तब उन्होंने अपने पिता की वस्त्रों की दुकान में ग्राहकों से मिलना और सामान बेचना शुरू किया. यहीं से उन्हें व्यापार की बारीकियां समझने का अवसर मिला.
शिक्षा और व्यवसाय में शुरुआती कदमउन्होंने त्रिशूर के श्री केरल वर्मा कॉलेज से वाणिज्य (Commerce) की पढ़ाई पूरी की. हालांकि, पारिवारिक बिजनेस की वजह से उनका ध्यान शुरू से ही व्यापार पर था. उनका परिवार टैक्सटाइल बिजनेस से जुड़ा था, लेकिन कल्याणरमन को महसूस हुआ कि सोने और आभूषणों का बाजार ज्यादा बड़ा है, और अधिक लाभकारी हो सकता है. यही सोचकर उन्होंने अपने दम पर ज्वेलरी बिजनेस में उतरने का फैसला किया.
कल्याण ज्वेलर्स की स्थापनासाल 1993 में उन्होंने त्रिशूर में पहला कल्याण ज्वेलर्स (Kalyan Jewellers) स्टोर खोला. इस स्टोर को शुरू करने के लिए उन्होंने 75 लाख रुपये का निवेश किया. तब भारत में आभूषणों के बाजार में पारदर्शिता की बहुत कमी थी. ग्राहकों को सोने की शुद्धता और कीमतों की स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती थी. दुकानदार अपनी मनमर्जी से दाम तय करते थे. कल्याणरमन ने इसी पर अपना बिजनेस खड़ा करने की योजना बनाई.
उन्होंने अपने स्टोर में BIS-हॉलमार्क सोने की बिक्री शुरू की. प्राइस टैग सिस्टम लागू किया, जिसमें सोने का वजन, शुद्धता, और मेकिंग चार्ज का पूरा ब्यौरा दिया जाता था. यह कदम ग्राहकों के लिए बिलकुल नया था और भरोसेमंद था. इसी के बूते धीरे-धीरे कल्याण ज्वेलर्स को बाजार में पहचान मिलने लगी. उनका बिजनेस मॉडल अन्य ज्वेलरी दुकानों से अलग था. नई रणनीति की वजह से ग्राहक कल्याण ज्वेलर्स पर ज्यादा भरोसा करने लगे, और उनका बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा.
कल्याणरमन कहते हैं- “अगर आप अपने ग्राहक के साथ ईमानदार हैं, तो आपका बिजनेस कभी असफल नहीं होगा.”
कल्याण ज्वेलर्स का साम्राज्यटी. एस. कल्याणरमन का बिजनेस मॉडल इतना सफल हुआ कि जल्द ही उन्होंने पूरे दक्षिण भारत में अपने स्टोर्स खोलने शुरू कर दिए. धीरे-धीरे, कल्याण ज्वेलर्स भारत की सबसे बड़ी ज्वेलरी रिटेल चेन बन गई. अभी भारत और मध्य पूर्व में 277 से अधिक स्टोर हैं. दुबई, कतर, कुवैत, ओमान जैसे देशों में ब्रांड की उपस्थिति है, जो इसे और भी स्पेशल बनाती है. यह सोने और हीरे के आभूषणों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड है. 10 फरवरी 2025 के दिन तक कंपनी का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) 53,770 करोड़ रुपये से अधिक है.
कल्याण ज्वैलर्स एक ऐसा ब्रांड है, जिसकी मशहूरी के लिए बड़े-बड़े स्टार कतार में हैं. आपने भी टीवी पर बॉलीवुड अदाकारा कटरीना कैफ को देखा होगा. इसके अलावा नेशनल क्रश के नाम से फेमस रश्मिका मंदाना भी ब्रांड के साथ जुड़ी रही हैं. कल्याण ज्वैलर्स की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, कटरीना कैफ, प्रभु गणेशन, ए नागार्जुन शामिल हैं.
कितनी है कल्याणरमन की नेट वर्थटी. एस. कल्याणरमन की मेहनत और दूरदृष्टि ने उन्हें भारत के 60वें सबसे अमीर व्यक्ति की सूची में शामिल कर दिया. फोर्ब्स (Forbes) पर उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से 10 फरवरी 2025 को उनकी नेट वर्थ लगभग 3.8 बिलियन डॉलर (33,235 करोड़ रुपये) है. कल्याणरमन सिर्फ ज्वेलरी बिजनेस तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने कल्याण डेवलपर्स नाम से एक रियल एस्टेट कंपनी भी शुरू की, जो केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है.
परिवार और निजी जीवनटी. एस. कल्याणरमन अपने परिवार के बेहद करीब हैं. उनकी पत्नी रामादेवी हमेशा उनके साथ रही हैं. उनके दो बेटे- राजेश और रमेश हैं, जो अब कल्याण ज्वेलर्स के कारोबार को संभाल रहे हैं. उनकी एक बेटी भी है, जो फैमिली बिजनेस से जुड़ी हुई हैं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 10, 2025, 17:31 ISThomebusinessपिता की दुकान से उठकर बनाया अपना बिजनेस, आज 33,000 करोड़ का अकेला मालिक
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