IAS बनने का सपना टूटा तो अपनाई यह राह, अब महिलाओं को दे रही रोजगार

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दिल्ली: यूं तो जब आईएएस अधिकारी बनने का किसी भी अभ्यर्थी का सपना टूटता है, तो वो प्राइवेट सेक्टर में चले जाते हैं और नौकरी करने लग जाते हैं, लेकिन दिल्ली की रहने वाली प्रियंका पासवान जैन ने ऐसा नहीं किया. बल्कि उन्होंने एक एनजीओ की शुरुआत की और उसके जरिए महिलाओं को रोजगार देना शुरू कर दिया. वह इसके जरिए महिलाओं को सशक्त बना रही हैं और गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें उनके पैरों पर खड़ा कर रही है.

दरअसल, आपको बता दें कि मूल रूप से गोरखपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली प्रियंका पासवान जैन साल 2009 में दिल्ली आई थीं. आईएएस अधिकारी बनने का सपना था, लेकिन साल 2009 से लेकर साल 2013 तक लगातार तैयारी के बाद भी जब उनका चयन यूपीएससी की परीक्षा में नहीं हो सका, तो वह तनाव में चली गईं.

यही नहीं उनको डिप्रेशन हो गया. तब उनके पति ने कहा कि अगर समाज के लिए कुछ करना ही है, तो आईएएस अधिकारी बनकर नहीं बल्कि एक एनजीओ शुरू करके समाज सेवा के जरिए भी किया जा सकता है.इसके बाद उन्होंने एनजीओ की शुरुआत की.

इतनी महिलाओं को दे रहीं रोजगार

प्रियंका पासवान ने बताया कि उनके एनजीओ में महिलाओं को कढ़ाई, सिलाई के साथ ही पूरा ब्यूटी पार्लर कोर्स सिखाया जाता है. यह ब्यूटी पार्लर कोर्स यूं तो बाहर के प्राइवेट सेक्टर में इसको सीखने की कीमत लाखों में है, लेकिन उनके यहां मात्र 300 रुपए लेकर इस कोर्स को सिखाया जा रहा है, जिसमें अब तक उनके 40 बैच की महिलाएं यहां से सीख चुकी हैं और अपना पार्लर खोलकर अच्छा पैसा कमा रही हैं.

50 से ज्यादा महिलाएं सीख रही हैं कार्य

उन्होंने बताया कि वर्तमान में भी 50 से ज्यादा महिलाएं उनके पास सिलाई-कढ़ाई के साथ ही ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीख रही हैं. सिलाई-कढ़ाई का कोर्स सीख कर वे अपने घर से ही मोहल्ले वालों के ब्लाउज या दूसरे कपड़े सील कर देती हैं और अच्छी कमाई कर रही हैं. इसके अलावा जो बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनको यहां पर शिक्षा भी दी जाती है, ताकि वह पढ़ सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें.

सरकार से नहीं मिल रहा कोई फंड 

प्रियंका पासवान बताती हैं कि उन्होंने इस एनजीओ की शुरुआत साल 2015 से लेकर 2016 के बीच की थी और अभी तक फिलहाल सरकार से कोई फंड नहीं मिल रहा है, लेकिन अब फंड के लिए वह आवेदन करेंगी. ताकि यहां के माहौल को और अच्छा किया जा सके. प्रियंका पासवान बताती हैं कि उनके माता-पिता गोरखपुर के रहने वाले थे.

Tags: Delhi news, Local18, Success Story, Womens Success Story

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