जौनपुर: जौनपुर की रहने वाली सन्नो सिंह आज एक सफल महिला उद्यमी हैं, लेकिन उनकी ये सफलता रातोंरात नहीं आई. एक समय था, जब वे एक बैंक में ₹40,000 की मासिक सैलरी पर काम करती थीं. एक सुरक्षित नौकरी, नियमित आमदनी और एक संतुलित जीवन ये सब कुछ उनके पास था, लेकिन उनके मन में हमेशा से कुछ अपना करने की चाह थी. एक ऐसा काम जो सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि अपने जुनून और पहचान के लिए हो.
बैंक की नौकरी छोड़ी, अचार को बनाया पहचान
सन्नो सिंह ने जब बैंक की नौकरी छोड़ी, तब उनके परिवार और आस-पास के लोग हैरान रह गए. इतनी अच्छी नौकरी छोड़ दी? अब अचार बनाएगी? यह सवाल कई बार उनसे पूछा गया, लेकिन सन्नो के इरादे साफ थे. उन्होंने अपने घर की रसोई से अचार बनाने की शुरुआत की.
नींबू, आम, मिर्च, करौंदा, मिक्स अचार – उन्होंने वही पुराने देसी स्वाद को चुना जो घरों में बरसों से पसंद किया जाता रहा है. उनके अचार में वो खटास, मसाले और घर की खुशबू थी, जो लोगों को तुरंत भा गई. शुरुआत में उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को अचार देना शुरू किया, और स्वाद ने काम कर दिखाया – ऑर्डर आने लगे.
छोटे से स्टार्टअप ने पकड़ी रफ्तार
सन्नो ने अपने स्टार्टअप का नाम रखा – eatmin। शुरुआती कुछ महीनों में उन्होंने सिर्फ अपने दम पर काम किया, लेकिन जब ऑर्डर बढ़ने लगे तो उन्होंने औरतों को जोड़ना शुरू किया. आज उनके स्टार्टअप में 20 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं, जिनमें कई ग्रामीण इलाकों से हैं.
इन महिलाओं को न सिर्फ रोजगार मिला, बल्कि आत्मविश्वास और सम्मान भी मिला. सन्नो खुद ट्रेनिंग देती हैं और पूरी प्रक्रिया – मसाले तैयार करने से लेकर पैकिंग तक – को बहुत व्यवस्थित ढंग से चलाती हैं. हर जार में एक जैसा स्वाद और गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए उन्होंने खास तौर पर एक रेसिपी चार्ट भी तैयार किया है.
सोशल मीडिया और ‘स्वाद’ ने बना दी ब्रांड
सन्नो ने अपने अचार के प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के ज़रिए लोगों तक पहुंच बनानी शुरू की. इसके साथ ही लोकल मार्केट और हाट-बाजारों में स्टॉल लगाकर भी अपने अचार को प्रमोट किया. आज उनके ग्राहक सिर्फ जौनपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिले जैसे प्रयागराज, वाराणसी, सुल्तानपुर और गाजीपुर से भी हैं.
हर महीने लाखों की कमाई, बनीं सैकड़ों की प्रेरणा
आज सन्नो सिंह हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं. उनका स्टार्टअप सिर्फ एक बिज़नेस नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन गया है, जहां महिलाएं खुद के पैरों पर खड़ी हो रही हैं. उन्होंने स्थानीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.
वे कहती हैं कि अचार सिर्फ खाने की चीज़ नहीं, ये हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. मैं चाहती हूं कि हमारे देसी स्वाद को पूरी दुनिया चखे.
सन्नो सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर जुनून हो, तो कोई भी काम छोटा नहीं होता। बैंक की नौकरी छोड़कर अचार बनाने का फैसला जिसने शुरुआत में सबको हैरान किया, वही आज उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बन चुका है.
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