ड्रॉपआउट चायवाला: पढ़ाई छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में बेचने लगा चाय, जमाया 5 करोड़ का धंधा, रखे 40 कर्मचारी

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ड्रॉपआउट चायवाला: पढ़ाई छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में बेचने लगा चाय, जमाया 5 करोड़ का धंधा, रखे 40 कर्मचारी

यह कहानी एक ऐसे शख्स की है, जो बड़े सपने लेकर पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था. कॉलेज में एडमिशन ले लिया, मगर पढ़ाई कुछ रास नहीं आई. इसलिए ड्रॉपआउट हो गए. उन्होंने अपने पैशन को ही अपनी जिंदगी संवारने का जरिया बना लिया और चाय बेचना शुरू कर दिया. ऑस्ट्रेलिया में चाय पिला-पिलाकर इतना बड़ा कारोबार स्थापित कर दिया कि यकीन करना मुश्किल है. यहां तक कि मेलबर्न की मशहूर एलिजाबेथ स्ट्रीट पर उनका एक आउटलेट है.

नामुमकिन से दिखने वाले काम को मुमकिन किया है. बेंगलुरू के संजीत कोंडा (Sanjith Konda) ने. जब वे 18 साल के थे, तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की नामी ला ट्रोब यूनिवर्सिटी (La Trobe University) के मेलबर्न स्थित बूंडूरा कैंपस से बेचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज़ के लिए एडमिशन लिया. चार स्मैस्टर अच्छे से निकल गए, मगर पांचवें में उनका मन बदल गया. चाय के शौकीन संजीत ने कैंपस छोड़ दिया और चाय का एक स्टार्टअप शुरू किया. नाम रखा ‘ड्रॉपआउट चायवाला’.

संजीत कोंडा के साहस की दाद देनी होगी, क्योंकि… किसी भी इंसान के लिए इस तरह का फैसला करना आसान नहीं होता. हालांकि बचपन से ही उन्हें इंडिपेंडेंट होकर जिम्मेदारी के साथ जीने की आदत थी. उनके पिता साउदी अरब की एक तेल कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर थे, और मां घर संभालती थीं.

मेलबर्न में रहते हुए उन्होंने अपने खर्चे खुद की निकाले थे. इस काम के लिए उन्होंने कैंटीन में बर्तन मांजने का काम तक किया. अपनी फीस के लिए वे एक पेट्रोल पंप पर भी काम करते रहे. ऑस्ट्रेलिया जैसे महंगे देश में रहकर अपना खर्च निकाल पाने के लिए भी बड़े साहस की जरूरत होती है.

कैसे शुरू हुआ ड्रॉपआउट चायवाला2021 में संजीत कोंडा ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर यह काम शुरू करने का फैसला लिया. असर अहमद सईद, प्रीतम अकुला और अरुण पी सिंह. तीनों ने 18 लाख रुपये लगाकर एक चाय की दुकान खोली. शुरू में पांच तरह की चाय पिलाना शुरू किया. शुरुआत में पहचान बनाने में थोड़ा-सा वक्त लगा लेकिन आसपास के लोग जान गए कि अच्छी मसाला चाय, अदरक-शहद या पोदिना-नींबू चाय केवल ‘ड्रॉपआउट चायवाला’ के पास ही मिलेगी. शॉप का नाम भी ग्राहकों को आकर्षित कर रहा था. उन्होंने अच्छी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी अपनाई और लोगों को अपनी शानदार चाय का दिवाना बना लिया.

बाद में संजीत कोंडा की शॉप पर समोसा और सैंडविच भी मिलने लगे. इसके लिए वह लगभग 270 रुपये चार्ज करते हैं. इसके अलावा अन्य फूड आइटम्स के साथ विस्तार भी किया है.

इसी साल मार्च में उन्होंने एक मोबाइल चाय ट्रक भी लॉन्च कर दिया. यह ट्रक यूनिवर्सिटीज़ के अलग-अलग इवेंट्स, फेस्टिवल्स और शादियों जैसा कार्यक्रमों को कवर करने के लिए शुरू किया गया था. अगस्त आते-आते ला ट्रोब स्ट्रीट (La Trobe Street) पर भी अपना स्टोर खोल दिया. एक आउटलेट मेलबर्न के सदर्न क्रॉस स्टेशन में भी है. अब कुल मिलाकर उनके पास 40 लोगों की टीम है. 2022 की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे सालाना 5.2 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर रहे थे. अब 3 साल और बीत चुके हैं. उसके बाद से कोई वित्तीय रिपोर्ट सामने नहीं आई है. माना जाता है कि पूरा खर्च निकालने के बाद वह लगभग 20 फीसदी की शुद्ध कमाई कर रहे हैं.

जब पहली बार मां ने पी बेटे की बनाई चाय2023 में संजीत कोंडा ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा- जब मैंने ठीक एक साल और पांच महीने पहले पहला ड्रॉपआउट चायवाला खोला था, तो मेरी मां ने मुझे सलाह दी थी कि जो भी करो, उसे पूरी मेहनत और प्यार के साथ करो, और अच्छे इरादों के साथ आगे बढ़ो.

और दो हफ्ते पहले, जब मेरी मां ने देखा कि उनके 22 साल के बेटे ने क्या बनाया है, और जब उन्होंने ड्रॉपआउट चायवाला से अपनी पहली चाय की चुस्की ली, तो उनकी आंखें खुशी से भर आईं. उनकी खुशी को ड्रॉपआउट चायवाला की दीवारों ने भी महसूस किया. मेलबर्न में उनकी खुशी के लिए जगह ही कम पड़ गई!

मैं बस उस पल को थाम लेना चाहता हूं, वो खुशी, वो संतुष्टि, और वो उपलब्धि का लम्हा. मां के चाय के प्यार को गले लगाने और उस आइडिया को, उस बिजनेस को, जो मैंने अपनी सारी मेहनत से खड़ा किया, उससे ज्यादा गर्व की बात मेरे लिए और क्या हो सकती है? इससे ज्यादा मैं कुछ मांग ही नहीं सकता! शायद इस बार मुझे मौका मिले कि मैं अपनी मां को मेलबर्न के उनके पसंदीदा कैफे में चाय पिलाने ले जाऊं.

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