Last Updated:April 17, 2025, 15:54 ISTरॉनल्ड रीड ने साधारण नौकरी करते हुए 68.30 करोड़ रुपये कमाए और दान कर दिए. उन्होंने मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले शेयरों में निवेश किया. उनकी कहानी निवेशकों के लिए प्रेरणादायक है. रीड की रणनीति थी—क्वालिटी स्टॉक्स मे…और पढ़ेंहाइलाइट्सरॉनल्ड रीड ने साधारण नौकरी से ₹68 करोड़ कमाए.रीड ने मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले शेयरों में निवेश किया.रीड की कहानी निवेशकों के लिए प्रेरणादायक है.नई दिल्ली. अक्सर लोग कहते हैं कि पैसे से पैसा बनता है लेकिन रॉनल्ड रीड नाम के एक शख्स ने इस कहावत को गलत साबित कर दिया. ताउम्र झाडू़-पोंछा करने वाले रीड ने न सिर्फ करोड़ों रुपये की कमाई की बल्कि वो सारा पैसा दान भी कर दिया. पहले उन्होंने 25 साल एक पेट्रोल पंप पर दिए फिर 17 साल तक उन्होंने स्कूल में जेनिटर यानी साफ-सफाई का काम किया. लेकिन इतनी मामूली जॉब करने के बावजूद रीड ने जो किया वह बेशक दुनिया की हर तारीफ का हकदार है.
रीड का निधन 2015 में हुआ और तब तक उन्होंने 80 लाख डॉलर यानी 68.30 करोड़ रुपये जुटा लिए थे. रीड ने जेनिटर का काम करते हुए ही इतना पैसा बनाया. लेकिन सवाल है कि जिस शख्स को सालाना सैलरी ही कभी 45 हजार डॉलर से ज्यादा नहीं मिली उस शख्स ने इतने करोड़ की संपत्ति बनाई कैसे.
रीड कैसे बने करोड़पति?रीड ने हमेशा साधारण लेकिन असरदार निवेश रणनीति अपनाई. उन्होंने ऐसे शेयर चुने जिन्हें वे समझते थे और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत था. उन्होंने कभी ऐसे हाई-फाई टेक स्टॉक्स की तरफ रुख नहीं किया जो उनके लिए पेचीदा थे. जब उनका निधन हुआ, तब उनके पोर्टफोलियो में कुल 95 शेयर थे, जिनमें ज्यादातर लार्ज कैप कंपनियों के स्टॉक्स शामिल थे. इसमें Procter & Gamble, Johnson & Johnson और CVS Health जैसी मजबूत कंपनियां थीं. रीड की रणनीति सीधी थी—ऐसे क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करो जो डिविडेंड देते हों, और फिर उस डिविडेंड से दोबारा वही स्टॉक्स खरीदो और बस इंतजार करो. जब 2008 में लीमन ब्रदर्स के डूबने के बाद मार्केट क्रैश हुआ, तब भी रीड ज्यादा परेशान नहीं हुए क्योंकि उनका पोर्टफोलियो विविध (diversified) था और एक कंपनी का नुकसान बाकी निवेशों से बैलेंस हो गया.
निवेशकों के लिए बेहतरीन सबकजानकार मानते हैं कि रीड की यह कहानी भारत के निवेशकों के लिए एक बेहतरीन सबक है. जैसे रीड ने अमेरिका की भरोसेमंद ब्लू चिप कंपनियों को चुना, वैसे ही भारत में भी कई क्वालिटी कंपनियां हैं जिनकी डिविडेंड देने की आदत बहुत मजबूत है. भले ही ये कंपनियां सोशल मीडिया पर वायरल न होती हों, लेकिन इन्होंने लॉन्ग टर्म में लगातार वेल्थ क्रिएट की है. ऐसे निवेशक जो शॉर्टकट की बजाय धैर्य से काम लेना चाहते हैं, उनके लिए यह रणनीति बेहद फायदेमंद हो सकती है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 17, 2025, 15:54 ISThomebusinessझाड़ू-पोंछा करके शख्स ने जुटाए ₹68 करोड़! ताउम्र पकड़े रखी ये एक चीज
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