रांची. कहते हैं अगर आप पूरी ईमानदारी और लगन के साथ मेहनत करें तो एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है. वह सफलता लंबे समय तक टिकती भी है. झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली आरती की कहानी भी एक ऐसी ही सफलता से जुड़ी है. इनके हालत कभी ऐसे थे कि पीठ पर बच्चा लेकर घर खर्च के लिए साड़ी बेचती थीं. लेकिन आज एक सक्सेसफुल बिजनेस वुमन बन चुकी हैं.
आरती ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि एक समय था जब हमारे घर में काफी ज्यादा कर्ज था. सबसे पहले तो हमने कर्ज उतारा और उसके लिए हमने साड़ी का बिजनेस शुरू किया. साड़ी को लेकर हमें अच्छी समझ थी और हम हमारा गांव भी राजस्थान में है. वहां की महिला एक से बढ़कर एक खूबसूरत साड़ी बनाती हैं, तो हमने सोचा क्यों न उन्हीं साड़ियों के साथ कुछ किया जाए.
साड़ी का शुरू किया बिजनेससाड़ी का बिजनेस शुरू किया और फिर धीरे-धीरे काम चल पड़ा. पहले तो लोगों को दिखाने के लिए हम घर-घर जाते थे, एक साल का बच्चा होता था तो पीठ पर लाद लेते थे और घर-घर जाकर साड़ी बेचते थे. फिर पैसा जमा हुआ तो एक छोटी दुकान ले ली. लोगों को हमारी साड़ी इतनी पसंद आई कि आज रांची के अपर बाजार में हमारी पांच शॉप खुल चुकी हैं.
अब सिर्फ साड़ी नहीं..आज सिर्फ साड़ी ही नहीं बल्कि, लहंगे, कुर्ती, खासतौर पर सेलिब्रिटी डिजाइनर कुर्ती हम रखा करते हैं. ये वैरायटी आपको पूरी रांची में और कहीं नहीं मिलेगी. बड़े-बड़े डिजाइनर कुर्ती का डुप्लीकेट यहां मिलेगा. यहां बहुत से डिजाइन में साड़ी में भी खासतौर पर जयपुरिया साड़ी सिल्क साड़ी, दुल्हन साड़ी, शिफॉन जैसी साड़ी चाहेंगे वैसी यहां मिलेगी.
क्वालिटी के साथ समझौता नहींआगे बताया, हमारी जो सबसे बड़ी बात है कि हम कभी क्वालिटी के साथ समझौता नहीं करते. क्योंकि, हमें पता है कि हमारे पास जो 90% कस्टमर होते हैं, वह सब दोबारा आते हैं. एक बार जो खरीद लेते हैं, फिर वह कहीं और नहीं जाते. आज महीने में आराम से 2 से ₹3 लाख की कमाई हो जाती है. आज हमारे घर के सारे बच्चे बड़े स्कूल में पढ़ते हैं. स्ट्रगल तो किया, लेकिन देर से ही सही सफलता भी मिली.
परिवार का भी खूब सपोर्ट मिलाआरती बताती हैं, आसान नहीं होता दिन भर साड़ी बेचो, फिर घर आकर खाना बनाओ, फिर बच्चों की भी देखभाल करो. स्ट्रगल तो था, पति भी बहुत सहयोग किया करते थे. वह भी साड़ी का ही बिजनेस करते हैं. सास-ससुर ने भी बहुत सहयोग किया. आज उनके सहयोग के कारण यह सारी चीज संभव हो पाई है. जब हम लोग बाहर साड़ी बेचने जाते हैं तो सास-ससुर घर में बच्चों को देखा करते थे. आरती की शॉप अपर बाजार की रंगरेज गली में पहनावा नाम से है.
Tags: Business ideas, Local18, Ranchi news, Womens Success StoryFIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 09:42 IST
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