Agency:एजेंसियांLast Updated:July 17, 2025, 16:32 ISTBusiness Success Story : मिडिल क्लास फैमिली की एक साधारण सी लड़की अशिता सिंघल की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. उन्होंने कचरे से अपना कारोबार शुरू किया. अब उनकी कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुयये को पार कर गया है. अशिता सिंघल की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है.हाइलाइट्सअशिता सिंघल ने 2018 में पैवंद स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई. कंपनी का ऑफिस नोएडा में खोला, कारोबार में उम्मीद से ज्यादा स्फलता मिली.नई दिल्ली. यह कहानी है दिल्ली के एक साधारण सी लड़की अशिता सिंघल की. मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाली अशिता ने कपड़ों के कचरे से अपना कारोबार शुरू किया. अपने मेहनत और लगन से करोड़ों रुपये का फैशन ब्रांड खड़ा कर लिया है. अब उनकी कंपनी पैवंद स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड का टर्नओवर 1 करोड़ रुयये को पार कर गया है. अशिता सिंघल की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है.
अशिता के पिता का इलेक्ट्रिक वायर और केबल का बिजनेस है. उनकी मां गृहिणी हैं. भाई पिता का बिजनेस संभालता है. 2018 में उन्होंने पैवंद स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई और इसका ऑफिस नोएडा में खोला. शुरुआत में 20 लाख रुपये का निवेश किया. उन्हें अपने कारोबार में उम्मीद से ज्यादा स्फलता मिली.
पैवंद स्टूडियो ने कई डिजाइन हाउस और कपड़ों के कारीगरों को अपने साथ जोड़ा. कपड़े के कचरे से परंपरागत तरीके से खूबसूरत हैंडक्राफ्ट बनाए. मार्च 2024 में पैवंद स्टूडियो ने अपने लेटेस्ट कलेक्शन का प्रदर्शन लैक्मे फैशन वीक में भी किया था. कंपनी ने कई फैंशन ब्रांड के साथ पार्टनरशिप की है.
ऐसे आया बिजनेस का आइडिया
अशिता जब फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थीं, तब उन्होंने देखा कि इंडस्ट्री में अच्छे फैब्रिक के टुकड़े भी कूड़ेदान में फेंक दिए जाते हैं. उन्होंने नए अंदाज में इनका इस्तेमाल करने का प्लान बनाया. हथकरघा बुनाई, हाथ की कढ़ाई और पैचवर्क जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके उन्होंने इन कपड़ों को बिल्कुल सुंदर स्वरूप प्रदान कर दिया. इस तरह से कपड़ों के कचरे से अशिता नए खूबसूरत परिधान तैयार करती हैं.
30 हजार किलो से ज्यादा कपड़े के कचरे का दोबारा इस्तेमाल किया
पिछले छह साल में उन्होंने 30 हजार किलो से ज्यादा कपड़े के कचरे का दोबारा इस्तेमाल किया है. 66 मिलियन लीटर पानी की बचत की है. किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया. अशिता की कंपनी जो कपड़े तैयार करती है, उनका इस्तेमाल फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर और होटलों में किया जाता है.
अशिता अपने बचपन को याद करते बताती हैं, ‘मैं ज्वाइंट फैमिली में पली-बढ़ी हूं. मेरे दादा ने मुझे अच्छे संस्कार दिए. हमें संसाधनों का मूल्य समझने की शिक्षा दी गई. यहां तक कि फटे-पुराने कपड़ों से भी कई चीजों का लेन-देन किया जा सकता है. मैं देखा कि मेरे पिता परिवार चलाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं. उन्हीं से मुझे कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिली.’Chaturesh TiwariAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M…और पढ़ेंAn accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M… और पढ़ेंLocation :Delhi,Delhi,Delhihomebusinessइस लड़की ने कचरे से शुरू किया कारोबार, बनाया खास ब्रांड, टर्नओवर 1 करोड़ के पार
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