नई दिल्ली. हम दुनिया के सबसे अमीर लोगों के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में एलन मस्क, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और जेफ बेजोस जैसे नाम आते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे गरीब व्यक्ति कौन है? आमतौर पर ‘भिखारी’ शब्द सुनते ही झोपड़ियां, खाली स्टील का कटोरा और फटे कपड़े हमारे दिमाग में आते हैं. पहली नजर में, जेरोम कर्वियल पेरिस की सड़कों पर घूमने वाला एक साधारण आदमी लग सकता है. लेकिन उसकी कहानी साधारण नहीं है! गरीबी उसके कपड़ों, खाने या घर में नहीं दिखती, बल्कि जेरोम कर्वियल पर इतना बड़ा वित्तीय बोझ है कि उसने वैश्विक बाजार को हिला कर रख दिया. और अंततः, उसे “दुनिया का सबसे गरीब आदमी” का खिताब मिला.
जेरोम कर्वियल कौन हैं?इस लेख में हम जेरोम कर्वियल के बारे में बात कर रहे हैं, जो एक फ्रांसीसी व्यक्ति हैं और अब दुनिया के सबसे गरीब और सबसे अधिक कर्ज में डूबे व्यक्ति माने जाते हैं. उन पर लगभग ₹4.95 लाख करोड़ (लगभग $6.7 बिलियन) का कर्ज है. गरीब होना हमेशा खाली जेब का मतलब नहीं होता.
जेरोम का जन्म 11 जनवरी 1977 को फ्रांस के एक छोटे से शहर पोंट-ल’आबे में हुआ था. जेरोम एक साधारण परिवार से थे. उनके निजी जीवन की बात करें तो उनकी मां एक हेयरड्रेसर थीं और उनके पिता एक लोहार थे. जेरोम एक अच्छे छात्र थे. उन्होंने लुमिएर यूनिवर्सिटी लियोन 2 से फाइनेंस में मास्टर डिग्री पूरी की. अपनी पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद, उन्हें फ्रांस के तीसरे सबसे बड़े बैंक, सोसाइटी जनरल में नौकरी मिल गई. बैंक में उन्होंने जूनियर डेरिवेटिव्स ट्रेडर के रूप में काम किया. हालांकि, उनकी तकनीकी जानकारी और उत्कृष्ट ट्रेडिंग क्षमता ने उन्हें करोड़ों डॉलर के सौदों को कवर करने में मदद की. वह हमेशा बैंक के डेल्टा वन डिवीजन का हिस्सा थे, जो शेयर ट्रेडिंग, एल्गोरिदम और निवेश से संबंधित है.
जेरोम कर्वियल अरबों डॉलर के ट्रेडर कैसे बने?जेरोम को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और ट्रेडिंग सिस्टम का व्यापक ज्ञान था; हालांकि, उन्होंने इस ज्ञान और विशेषज्ञता का गलत उपयोग किया। जेरोम बैंक की आंतरिक प्रणालियों में कमजोरियों का दुरुपयोग कर आर्बिट्राज कर रहे थे. इस दौरान, उन्होंने कंपनी की पूंजी का उपयोग करते हुए अरबों डॉलर का व्यापार किया. शुरुआत में, उन्होंने बड़े मुनाफे कमाए, एक कैलेंडर वर्ष में लगभग $73 बिलियन के ट्रेड्स को अंजाम दिया.
जेरोम कर्वियल का घोटाला क्या था? दुनिया को कैसे पता चला?यह देखा गया कि बैंक को इस प्रथा के बारे में बहुत लंबे समय से पता था, क्योंकि जेरोम ने हर अनियमितता को छिपाने के लिए तकनीक का उपयोग किया था. हालांकि, 2008 में यह धोखाधड़ी स्पष्ट हो गई और जांच शुरू हुई. 19 जनवरी 2008 को यह घोटाला सामने आया, जिसने बैंक और उसके आसपास के सभी लोगों को चौंका दिया. जांच के दौरान यह पाया गया कि जेरोम के अनधिकृत ट्रेडिंग के कारण बैंक को लगभग $7.2 बिलियन (लगभग ₹4,95,000 करोड़) का नुकसान हुआ, जैसा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है. यह राशि उनके खिलाफ एक कर्ज का बोझ बन गई, जिससे वह दुनिया के सबसे गरीब लोगों में से एक बन गए.
कोर्ट ने उनके खिलाफ क्या आदेश दिया?2010 में द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 33 वर्षीय जेरोम कर्वियल को विश्वासघात, कंप्यूटर का दुरुपयोग और जालसाजी का दोषी पाया गया. उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई, जिसमें से दो साल की सजा निलंबित कर दी गई. कोर्टरूम में एक नाटकीय क्षण में, जज ने उन्हें सोसाइटी जनरल को €4.9 बिलियन (लगभग £4.2 बिलियन) का हर्जाना देने का भी आदेश दिया – यह वही राशि थी जो बैंक ने जनवरी 2008 में उनकी उच्च जोखिम वाली ट्रेडिंग रणनीतियों के कारण खो दी थी.
घटना के बाद, जेरोम को 2015 में तीन साल की जेल की सजा मिली. उन्होंने विश्वासघात, धोखाधड़ी और कंप्यूटर सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच सहित कई आरोपों को स्वीकार किया. जेरोम को 2014 में केवल पांच महीने की सजा काटने के बाद इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के तहत रिहा कर दिया गया.
जेरोम कर्वियल अब कहां हैं?उनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन कर्ज का बोझ आज भी बना हुआ है. जेल से रिहा होने के बाद, जेरोम एक साधारण जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कर्ज का बोझ उन्हें आज भी दुनिया के सबसे गरीब लोगों में से एक बनाता है.
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News