Last Updated:July 16, 2025, 14:53 ISTSuccess Story- केरल के एक साधारण परिवार में जन्मे पोरिंजू वेलियाथ का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा. कर्ज के कारण उनका पैतृक घर बिक गया. फिर उनको अपने परिवार के साथ एक छोटे से कमरे में रहना पड़ा. घर चलाने को उन्हें…और पढ़ेंपोरिंजू वेलियाथ का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा.हाइलाइट्सपोरिंजू वेलियाथ का बचपन गरीबी में गुजरा.मुंबई में कोटक सिक्योरिटीज में फ्लोर ट्रेडर बने.इक्विटी इंटेलिजेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर हैं.नई दिल्ली. अगर आपके अंदर हुनर है तो सफलता देर भले ही करे, लेकिन आपके घर का रास्ता जरूर तलाश लेती है. इस बात का जीवंत उदाहरण हैं शेयर बाजार के दिग्गज इन्वेस्टर पोरिंजू वेलियाथ. आज उनका नाम भारतीय शेयर बाजार के सबसे भरोसेमंद निवेशकों में आता है. कभी एक कमरे के घर में रहने वाले और किशोरावस्था से ही छोटी-मोटी जॉब शुरू करने वाले पोरिंजू 500 करोड़ रुपये की कंपनी इक्विटी इंटेलिजेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ हैं. उनके निजी पोर्टफोलियो में 12 ऐसे शेयर हैं, जिनमें उनकी होल्डिंग एक फीसदी से ज्यादा है और इनकी नेटवर्थ आज 210 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
मशहूर फाइनेंशियल एडवाइज़र तापस चक्रवर्ती ने पोरिंजू वेलियाथ के संघर्ष और सफलता की कहानी को एक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से शेयर की है. उनकी कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है. मशहूर फाइनेंशियल एडवाइज़र तापस चक्रवर्ती ने उनकी कहानी शेयर करते हुए लिखा कि यह कहानी फिल्म ‘धड़कन’ के सुनील शेट्टी के किरदार की याद दिलाती है — जिसने 50 पैसे से 500 करोड़ तक का सफर तय किया था. फर्क बस इतना है कि पोरिंजू की कहानी रियल है, इंस्पायरिंग है और बिल्कुल ज़मीन से जुड़ी हुई है.
17 साल की उम्र में शुरू की नौकरी
पोरिंजू जब वो सिर्फ 17 साल के थे, तो 1000 रुपये जेब में लेकर वे अपने घर से एर्णाकुलम आ गए. वहां उन्होंने एक टेलीफोन एक्सचेंज में क्लर्क की नौकरी शुरू की. कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी के साथ ही वकालत की पढाई भी शुरू कर दी. कुछ साल एर्णाकुलम में नौकरी और पढाई करने के बाद वे मुंबई आ गए.
मुंबई में बदली किस्मत
मुंबई आना पोरिंजू के लिए बहुत शुभ रहा. मुंबई में उन्होंने कोटक सिक्योरिटीज में फ्लोर ट्रेडर के रूप में नौकरी शुरू की. यहीं से उन्होंने शेयर मार्केट की बारिकियां सीखनी शुरू कर दी. उन्होंने धीरे-धीरे छोटे इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया. उनका पहला बड़ा मुनाफा तब मिला जब उन्होंने श्रेयस शिपिंग के शेयर ₹20 में खरीदे, और ये स्टॉक उन्हें 10 गुना रिटर्न देकर मल्टीबैगर साबित हुआ. कोटक सिक्योरिटीज में उन्होंने चार साल तक नौकरी की. इसके बाद वे पराग पारेख सिक्योरिटीज में फंड मैनेजर के रूप में शामिल हो गए. पराग पारेख में पोरिंजू ने पांच साल बिताए.
पोरिंजू ने पांच साल बाद नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी इक्विटी इंटेलिजेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. 2002 में स्थापित और सेबी (SEBI) द्वारा पंजीकृत यह पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी अपने अनूठे और विपरीत (contrarian) निवेश दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है. 2003 से लगातार बेहतर प्रदर्शन के साथ कंपनी ने निवेशकों का भरोसा जीता है. कंपनी कुछ लाख से लेकर कई मिलियन तक के पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती है, जिसमें देश-विदेश के व्यवसायी और आम लोग शामिल हैं.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessकभी एक कमरे में रहने वाला कैसे बना 500 करोड़ की कंपनी का मालिक, जानें
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