रेस्टोरेंट नहीं चला,बेचना पड़ा घर; अब 10000000000 रुपए की कंपनी का मालिक

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Last Updated:January 10, 2025, 23:43 ISTSuccess Story: जीवन में कभी भी लगे क‍ि सब कुछ खत्‍म हो गया है तो हार मत मान‍िये. क्‍योंक‍ि ये आपके ल‍िए एक मौका हो सकता है. इस ब‍िजनेस मैन की कहानी आपको जीवन में कभी हार नहीं मानने देगी. व‍िराज बहल शार्क टैंक के इस सीजन में शाम‍िल हो रहे हैं. नई द‍िल्‍ली. जीवन में कई मौके ऐसे आएंगे जब ऐसा लगेगा क‍ि अब तो सब कुछ खत्‍म हो गया. लेक‍िन ऐसा नहीं होता. दरअसल, ये वक्‍त आपके जीवन को बेहतर बनाने के ल‍िए आता है. इसका जीता जागता उदाहरण ये भारतीय ब‍िजनेस मैन है, ज‍िसका रेस्‍टोरेंट बुरी तरह फेल हो गया और हालात ऐसे बने क‍ि इन्‍हें अपना घर तक बेचना पड़ा. लेक‍िन आज वो 1000 करोड़ की संपत्‍त‍ि का माल‍िक है. जी हां, आज हम आपके साथ एक ऐसे शख्‍स की कहानी शेयर कर रहे हैं, ज‍िसके ब्रांड का प्रोडक्‍ट आज करीब हर भारतीय घर के फ्र‍िज में नजर आता है.

वो शख्‍स कोई और नहीं, बल्‍क‍ि वीबा फूड्स के फाउंडर व‍िराज बहल हैं. शार्क टैंक इंडिया के इस सीजन में विराज बहल की जल्‍द ही एंट्री होने वाली है. विराज के यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. वो जीवन में कई बार फेल भी हुए लेक‍िन हार नहीं माना. दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने अपनी कंपनी का नाम अपनी मां विभा बहल के नाम पर “वीबा” रखा है. तो आइये आज व‍िराज बहल की सफलता की कहानी (Success Story) के बारे में जानते हैं.

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कहां से शुरू क‍िया काम वीबा फूड्स को विराज बहल ने साल 2013 में शुरू क‍िया. वैसे ब‍िजनेस में उनका इंटरेस्‍ट कम उम्र में ही शुरू हो गया था. बचपन में, विराज अक्सर अपने पिता राजीव बहल की फैक्ट्री में जाते थे, जिससे फूड प्रोसेस‍िंंग को लेकर उनकी समझ बेहतर हुई. उनकी पहली नौकरी आहार दिल्ली व्यापार मेले में फन फूड्स स्टॉल पर थी.

वैसे व‍िराज ने मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसमें उन्‍हें नौकरी भी म‍िल गई. लेक‍िन फ‍िर भी  विराज का मन ब‍िजनेस करने का ही था. लेक‍िन उनके पिता राजीव बहल चाहते थे क‍ि व‍िराज ब‍िजनेस की दुन‍िया में उतरने से पहले आर्थ‍िक रूप से थोडे स्‍टेबल हो जाएं.

साल 2002 में विराज अपने पिता की कंपनी फन फूड्स के साथ काम करने लगे. राजीव के नेतृत्व में कंपनी खूब फली-फूली भी. लेक‍िन साल 2008 में कुछ ऐसी परिस्थितियां बनीं क‍ि परिवार को फन फूड्स को जर्मन ब्रांड डॉ. ओटेकर को 110 करोड़ रुपये में बेचना पड़ा. विराज इसके खिलाफ थे, लेकिन उन्हें यह फैसला स्वीकार करना पड़ा.

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बुरी तरह फेल हुआ रेस्‍टोरेंटFun Foods को बेचने के बाद, विराज ने 2009 में “पॉकेट फुल” नाम से एक रेस्‍टोरेंट सीरीज शुरू की. उन्‍होंंने एक से 6 दुकानें बना लीं. लेकिन इसमें घाटा होने लगा और आख‍िरकार साल 2013 तक इसे बंद करना पडा. इस हार ने विराज को आर्थिक रूप से कमजोर कर द‍िया.

सब कुछ दाव पर लगायासाल 2013 में, अपनी पत्नी के साथ म‍िलकर विराज ने एक नया ब‍िजनेस शुरू करने का फैसला किया, ज‍िसे नाम द‍िया वीबा फूड्स. पैसे की कमी थी, इसल‍िए उन्होंने ब‍िजनेस शुरू करने के ल‍िए अपना घर बेच दिया. वीबा ने राजस्थान के नीमराणा में शुरुआत की और धीरे-धीरे उसने आज पूरी दुन‍िया में पहचान बना ली.

पिछले कुछ साल में वीबा फूड्स को खूब मुनाफा हुआ है और 2023-24 में कंपनी का रेवेन्यू 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने गया. वीबा अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन विराज के पास कंपनी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और निवेशकों का सपोर्ट भी है.

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