Success story: सन 2022 में जब भारत का ऑटोमोटिव बाजार मंदी के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा था, तब एक खबर आई कि किआ इंडिया ने सिर्फ 34 महीनों में 10 लाख कारें बेच दीं. सब हैरान थे कि कैसे एक नया ब्रांड इतने कम समय में ये करिश्मा कर गया? इस खबर ने ऑटो इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था. लोगों के सवाल का जवाब एक नाम में छिपा था- हरदीप सिंह बरार. उस दौर में किआ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हरदीप सिंह ने सिर्फ गाड़ियां नहीं बेचीं, बल्कि ग्राहकों के दिल जीते. ‘सेल्टोस’ की लॉन्चिंग से लेकर ‘ईवी6’ जैसी इलेक्ट्रिक कारों के भारत में सफल आगमन तक हरदीप सिंह ने ये दिखा दिया कि सही रणनीति और कस्टमर को ध्यान में रखकर काम करने से चमत्कार मुमकिन है.
अब खबर है कि बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया (BMW India) ने हाल ही में हरदीप सिंह बरार को अपना नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है. दुनिया की बड़ी ऑटो कंपनियों में से एक BMW ने उनके कंधों पर भारी जिम्मेदारी डाली है. वे विक्रम पावाह (Vikram Pawah) की जगह लेंगे. विक्रम पावाह को अब BMW Group ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के CEO बनाया गया है. बीएमडब्ल्यू ग्रुप के एशिया-पैसिफिक रीजन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट जीन-फिलिप परेन ने कहा, “भारत BMW के लिए एक अहम बाजार है. बरार के पास भारतीय ऑटो इंडस्ट्री की गहरी समझ है, और हमें विश्वास है कि वे यहां हमारी ग्रोथ को और मजबूत करेंगे.”
हरदीप सिंह बरार का जन्म पंजाब में हुआ था. वे बचपन से ही जिज्ञासु और मेहनती थे. बरार ने थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से लीडरशिप का पाठ पढ़ा. यह वही शिक्षा थी, जिसने उन्हें टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट में माहिर बना दिया.
हरदीप सिंह बरार : तीन दशकों का अनुभव
तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक हरदीप ने ऑटोमोटिव जगत की तमाम ऊंचाइयां और उतार-चढ़ाव देखे. मारुति सुजुकी से लेकर फोक्सवैगन, निसान और ग्रेट वॉल मोटर जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में उन्होंने डीलरशिप, मार्केटिंग और सेल्स में शानदार काम किया. लेकिन किआ इंडिया में उनके नेतृत्व ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई. पहचान एक ऐसे रणनीतिकार की, जो भारतीय उपभोक्ताओं की नब्ज जानता है.
कितनी होगी हरदीप सिंह की सैलरी
अब, 1 सितंबर 2025 से हरदीप सिंह बरार बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के नए सीईओ होंगे. यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नेतृत्व के नए युग की शुरुआत है. सैलरी की बात करें तो किआ इंडिया में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में उनकी सालाना सैलरी अनुमानित रूप से 3 से 5 करोड़ रुपये थी, जिसमें बोनस और अन्य लाभ शामिल थे. बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के सीईओ के तौर पर उनकी सैलरी पिछले आंकड़े से अधिक ही होगी. हालांकि, उनकी सैलरी को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन सामान्य रूप से, इस स्तर के अधिकारियों की सैलरी 5-10 करोड़ रुपये सालाना हो सकती है, जिसमें स्टॉक ऑप्शन्स और परफॉर्मेंस बोनस भी शामिल होते हैं.
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