नई दिल्ली. गिरीश मात्रुबूथम को बहुत कम ही लोग जानते होंगे और न ही उनकी कंपनी के बारे में बहुत लोगों ने सुना होगा. लेकिन गिरीश ने 1 हफ्ते के अंदर 340 करोड़ रुपये कमाकर सबको हैरत में डाल दिया है. दरअसल, वह फ्रेशवर्क्स नाम की कंपनी के संस्थापक हैं. इस कंपनी को Saas (Software as a Service) इंडस्ट्री काफी ख्याति प्राप्त हैं. उनकी कंपनी की वैल्यूएशन करीब 53,000 करोड़ रुपये है. यह कंपनी अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक्सचेंज नैस्डेक पर लिस्टेड है. उन्होंने इसके 25 लाख शेयर बेच दिए हैं. इस बिक्री से उन्हें 3.96 करोड़ डॉलर (336.41 करोड़ रुपये) की कमाई हुई है. यह ट्रांजेक्शन एक हफ्ते के अंदर अलग-अलग सौदों में पूरी की गई है.
मात्रुबूथम इसी साल कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन बने. इससे पहले वह इसके सीईओ थे. फरवरी में कंपनी के बोर्ड ने सीईओ के लिए तय 60 लाख स्टॉक यूनिट का अलॉटमेंट कैंसल कर दिया था. बताया गया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि आर्थिक परिदृश्य बदल गया है और इस वजह से अधिकारियों के लक्ष्य भी बदले हैं. हालांकि, उन्हें 1.9 करोड़ डॉलर की इक्विटी इन्सेंटिव के तौर पर मिलनी तय थी.
12वीं क्लास में हुए थे फेलमात्रुबूथम 12वीं कक्षा में एक बार फेल हो गए थे. तब उनके रिश्तेदार उन्हें रिक्शा चालक कहकर बुलाते थे. हालांकि, उन्होंने इस निराश होने की बजाय इसे अपने प्रोत्साहन का जरिया बनाया. उन्होंने आगे मेहनत की और पहली नौकरी एचसीएल में पाई. वह आगे चलकर जोहो में लीड इंजीनियर बने. इस कंपनी को उन्होंने अपने जीवन के 7 साल दिए और कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट पद तक पहुंचे. मात्रुबूथम ने 2010 में जोहो की नौकरी छोड़ी और फ्रेशवर्क्स की स्थापना की. 2018 आते-आते कंपनी के पास 125 देशों के 1 लाख से क्लाइंट हो गए थे. कंपनी ने आगे भी काफी तरक्की की और जब यह नैस्डेक पर लिस्ट हुई थी इसके 500 कर्मचारी एक झटके में करोड़पति हो गए. उनमें से कई की उम्र 30 साल से भी कम थी.
विवादों में घिरी कंपनीकोविड-19 खत्म होने के आईटी सेक्टर पर जो आर्थिक संकट आया उससे फ्रेशवर्क्स भी अछूती नहीं रही. छंटनी की हवा यहां भी चली. कंपनी उस वक्त सुर्खियां बटोरी जब इसने एक साथ 600 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद कंपनी ने 40 करोड़ डॉलर के शेयर बायबैक का भी ऐलान किया.
क्या होती है SaaS कंपनीसॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) कंपनियां ऐसी टेक्नोलॉजी फर्म होती हैं जो ग्राहकों को सॉफ्टवेयर का उपयोग ऑनलाइन करने की सुविधा प्रदान करती हैं. इन कंपनियों का मॉडल पारंपरिक सॉफ्टवेयर खरीदने और इंस्टॉल करने से अलग होता है. SaaS मॉडल में ग्राहक को सॉफ्टवेयर खरीदने के बजाय सब्सक्रिप्शन के आधार पर किराए पर मिलता है। इसे क्लाउड कंप्यूटिंग का हिस्सा माना जाता है.
Tags: Business news, Success StoryFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 23:08 IST
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