Last Updated:March 26, 2025, 16:36 ISTPoultry Farming: रविंद्र मेटकर ने 3000 रुपये से पोल्ट्री फार्म शुरू किया और आज उनकी सालाना टर्नओवर 15 करोड़ रुपये है. उनके पास 1.8 लाख मुर्गियां हैं और दैनिक 1 लाख अंडों का उत्पादन होता है.किसान ने पोल्ट्री फार्म से खड़ा किया 15 करोड़ का साम्राज्यहाइलाइट्सरविंद्र मेटकर का सालाना टर्नओवर 15 करोड़ रुपये है.रविंद्र मेटकर के पास 1.8 लाख मुर्गियां हैं.रोजाना 1 लाख अंडों का उत्पादन होता है.अमरावती: महाराष्ट्र के अमरावती के अंजनगांव बारी के किसान रविंद्र मेटकर पिछले कई सालों से पोल्ट्री फार्म का बिजनेस कर रहे हैं. घर की हालत बहुत अच्छी नहीं थी. इसलिए 16 साल की उम्र में उन्होंने काम शुरू किया. सिर्फ 3000 रुपये की निवेश से उन्होंने यह बिजनेस शुरू किया. आज उनकी सालाना टर्नओवर 15 करोड़ रुपये है. उनके पास आज 1 लाख 80 हजार मुर्गियां हैं. इस बिजनेस को करते समय उन्हें कई मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अमरावती में अपना साम्राज्य खड़ा किया.
100 मुर्गियां खरीदकर अपना बिजनेस शुरू कियारविंद्र मेटकर से लोकल 18 से बातचीत में बताया कि मेरे पिता चौथी श्रेणी के कर्मचारी थे. मेरे पिता के माता-पिता नहीं थे. हमारे घर की हालत बहुत तंग थी. मैंने मैट्रिक की परीक्षा दी और पिता से कहा कि घर की हालत सुधारने के लिए हमें कुछ बिजनेस करना चाहिए. तब पिता ने मुझे अपने पीएफ से 3 हजार रुपये दिए. उससे मैंने 100 मुर्गियां खरीदकर अपना बिजनेस शुरू किया. तब मेरे पास कोई जगह नहीं थी, इसलिए घर की छत पर यह बिजनेस 10 साल तक चला. 1984 में शुरू किया गया यह बिजनेस 10 साल तक चला. तब मेरे पास 100 से 400 मुर्गियां हो गई थीं.
एक एकड़ जमीन से 15 एकड़ जमीन हो गईइसके बाद मेरी मां को उनके मायके से 4 एकड़ जमीन विरासत में मिली. वह जमीन चांदूरबाजार में थी. उस जमीन को बेचकर हमने बडनेरा में सवा एकड़ जमीन खरीदी. फिर बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लिया और 5 लाख रुपये में 4 हजार ब्रॉयलर फार्म शुरू किया. 1995 से 2006 तक हमारा बिजनेस अच्छी तरह से चला. आर्थिक स्थिति सुधरी और एक एकड़ जमीन से 15 एकड़ जमीन हो गई.
इसी बीच 2006 में भारत में बर्ड फ्लू आया और हमारा बिजनेस पूरी तरह से बंद हो गया. फिर 2008 में बैंक ऑफ इंडिया से 25 लाख का कर्ज लिया और बिजनेस फिर से शुरू किया. तब 20 हजार अंडे देने वाली मुर्गियां लाई गईं. इसके बाद बिजनेस में तेजी आई. हर साल हमने 10 हजार मुर्गियों की संख्या बढ़ाई. इस तरह आज हमारे पास 1 लाख 80 हजार मुर्गियां हैं. हमने बैंक का पूरा कर्ज चुका दिया है.
हमारे पास 3 हजार मुर्गियों का आटोमैटिक यूनिट है. जिसमें उन्हें खाना भी मशीन द्वारा दिया जाता है. साथ ही अंडे भी मशीन द्वारा बाहर निकाले जाते हैं. उनकी गंदगी भी मशीन द्वारा बाहर निकाली जाती है. यह यूनिट पूरी तरह वातानुकूलित है. इसके लिए कंट्रोल पैनल है, जिससे सेटिंग करके यह फार्म चलता है. इससे हमें कई फायदे मिल रहे हैं. श्रम की बचत होती है और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है. मुर्गियों का खाना हम खुद यहां तैयार करते हैं. इसके लिए भी मशीन है. इससे भी हमें 50 से 52 हजार रुपये की बचत होती है क्योंकि बाहर से लाया गया खाना महंगा पड़ता है.
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दैनिक 1 लाख अंडेहर दिन लगभग 1 लाख अंडों का उत्पादन होता है. कभी-कभी अंडे का भाव 3.5 रुपये होता है तो कभी 10 रुपये भी मिलता है. इसलिए दैनिक 50 हजार रुपये की कमाई होती है.
हमारे पास वर्तमान में 50 लोग काम कर रहे हैं. इस पूरे फार्म की सालाना टर्नओवर 15 से 16 करोड़ रुपये है, लेकिन इसमें बहुत मेहनत है. क्योंकि सुबह से रात तक यहां खुद काम करना पड़ता है. साथ ही छुट्टी कभी नहीं मिलती. लेकिन मेहनत का फल जरूर मिलता है.
First Published :March 26, 2025, 16:36 ISThomebusinessघर में थी तंगी, 3000 रुपये से शुरू किया बिजनेस, आज 15 करोड़ का टर्नओवर!
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