जहानाबाद : परिश्रम और आत्म विश्वास से सफलता मिल ही जाती है. कभी दूसरों के यहां काम करने वाले गुलशन, आज खुद की कंपनी खड़ी कर अन्य लोगों को रोजगार दे रहे हैं. वह जहानाबाद के हुलासगंज प्रखंड में कपड़ा उद्योग खोलकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें जहानाबाद उद्योग विभाग से भी लोन के रूप में मदद मिली है. आज वह हर महीना 2000 पीस हॉफ पैंट और ट्राउजर्स का प्रोडक्शन कर रहे हैं. उनका यह प्लांट अपने गांव में ही है, इससे यह फायदा हो रहा कि गांव के ही कुछ लोगों को रोजगार मिल गया है. इसकी शुरुआत करीब एक साल पहले हुई है. अब जिंदगी अच्छी बीत रही है.
गुलशन कुमार जहानाबाद जिले के कोकरसा पंचायत के रहने वाले हैं. वह शुरुआत से ही मेहनती हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई ग्रेजुएशन तक की है. पढ़ाई के बाद उन्होंने पटना में ही 3 साल तक होजरी में काम किया, जहां से कपड़ा उद्योग की एक एक बारीकियां सीख ली. इससे यह फायदा हुआ कि समय से जब पैसा हो गया तो खुद की कंपनी खड़ी कर ली. इस व्यवसाय में गुलशन को उनके भाई का भी सहयोग मिलता है. उनके भाई भी बचपन से ही कपड़ा उद्योग से जुड़े हैं और इसका तजुर्बा उन्हें आज उद्योग में काम आ रहा है. यहां से अभी हुलासगंज, इस्लामपुर, खुदागंज, घोसी समेत कई शहरों में हमारा माल सप्लाई किया जा रहा है. आज हमारे यहां 4 से 5 कारीगर गांव से ही हैं.
कंधे पर बोझ उठा पिता ने की परिवरिश गुलशन कुमार ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि हमलोगों की परिवरिश गरीबी में हुई. हमारे पिताजी कोलकाता में मजदूरी करते थे. वहां पीठ पर बोझ उठाकर अपने बच्चों की परिवरिश की. बड़े भाई भी गरीबी की वजह से बचपन से ही लुधियाना में फैक्ट्री में काम रहे थे. आज उद्योग विभाग से लोन मिल जाने की वजह से ही परिवार का भरण पोषण अच्छे से हो रहा है. इसके अतिरिक्त अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. पिताजी को भी यह देखकर काफी खुशी होती है. आने वाले समय में इसका और भी विस्तार करने पर सोच रहे हैं. अभी हमारे यहां सिर्फ ट्राउजर्स, हाफ पैंट और टी शर्ट का प्रोडक्शन किया जा रहा है. आने वाले समय में और भी कुछ बनायेंगे.
कैसे हुई इसकी शुरुआतउन्होंने आगे बताया कि कपड़ा उद्योग शुरू करने का आइडिया एक रिश्तेदार के यहां से ही आया क्योंकि हम वहां काम करते थे. वहां से सीखने के बाद हमने भी ऐसी शुरुआत का मन बना लिया. उनके साथ साथ हर जगह जाते थे और कैसे यह काम होता है, इसे देखते थे. हमें ऐसा एहसास होता है कि इतना बड़ा सेट अप लगाने में हम सक्षम नहीं थे, लेकिन उद्योग विभाग से लोन मिलने की वजह से ही यह काम हो पाया है. हमारे यहां 8 से 10 तरह के ट्राउजर्स अभी बनाए जा रहे हैं. हर महीना 1500 से 2000 उत्पादन हो रहा है.
Tags: Bihar News, Jehanabad news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 09:35 IST
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