Last Updated:March 08, 2025, 19:49 ISTदिनेश चंद्र जोशी बताते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा चाय का सेवन किया जाता है. लेकिन आमतौर पर लोग पारंपरिक चाय ही पीते हैं, जबकि पहाड़ों में मिलने वाली जड़ी-बूटियों और वनस्पतियों से बनी चाय सेहत के लिए बेहद फायदे…और पढ़ेंX
दिनेश चंद्र जोशी के पास 22 तरह की फ्लेवर्ड ऑर्गेनिक चाय उपलब्ध हैं.हाइलाइट्सदिनेश चंद्र जोशी ने एमएनसी छोड़ ऑर्गेनिक चाय का कारोबार शुरू किया.22 तरह की हर्बल और फ्लेवर्ड चाय बनाकर कमा रहे लाखों.स्थानीय युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं.हल्द्वानी: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में रोजगार के अवसरों की कमी के चलते अक्सर युवा महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन नैनीताल जिले के रहने वाले दिनेश चंद्र जोशी ने इस धारणा को बदलने की ठानी है. एमबीए करने के बाद कई कंपनियों में काम करने वाले दिनेश ने अपनी नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक चायपत्ती के कारोबार की शुरुआत की. आज वह 22 तरह की हर्बल और फ्लेवर्ड चाय बनाकर न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि कई स्थानीय युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं. उन्होंने हल्द्वानी के सरस मेले (Saras Mela 2025) में अपने प्रोडक्ट का स्टॉल लगाया है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है.
ऑर्गेनिक चायपत्ती का स्टार्टअपदिनेश चंद्र जोशी बताते हैं कि भारत में चाय सबसे ज्यादा पी जाती है, लेकिन आमतौर पर लोग ट्रेडिशनल चाय ही पीते हैं. जबकि पहाड़ों में मिलने वाली जड़ी-बूटियों और वनस्पतियों से बनी चाय सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसी विचार के साथ उन्होंने ऑर्गेनिक चायपत्ती की यूनिट स्थापित करने का फैसला किया. उन्होंने अपनी चाय का नाम ‘निर्मल चाय’ रखा और अपना खुद का ब्रांड ‘डी.सी. ग्रीन’ भी बनाया. नौकरी छोड़ने के बाद खुद का स्टार्टअप शुरू करने का उनका यह फैसला अब सफल हो चुका है और आज उनकी ऑर्गेनिक चाय की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है.
22 तरह की हर्बल और फ्लेवर्ड चायदिनेश जोशी बताते हैं कि उनकी यूनिट में कई तरह की हर्बल और फ्लेवर्ड चाय तैयार की जाती हैं. इनमें कश्मीरी कहवा चाय, पान चाय, मोरिंगा चाय, बिच्छू घास चाय, बॉम्बे मसाला चाय, हिमालय पिंक सॉल्ट चाय, निर्मल चाय, रोज टी, ग्रीन टी और ब्लैक टी शामिल हैं. ये सभी चाय पूरी तरह से ऑर्गेनिक और हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं.
स्थानीय युवाओं को मिला रोजगारसंस्था से जुड़े हेम चंद्र जोशी ने बताया कि उनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ना भी है. उनकी यूनिट में कई युवा काम कर रहे हैं, जो उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से जड़ी-बूटियां इकट्ठा करते हैं, फिर उनकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की जाती है.उन्होंने बताया कि अपनी चाय को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए वे कई प्रदर्शनियों और मेलों में स्टॉल लगाकर इसे प्रमोट कर रहे हैं. वे अपनी चायपत्ती की ब्रांडिंग पूरे देश में करना चाहते हैं और जल्द ही एक बड़ी मार्केट चेन स्थापित करना उनका लक्ष्य है.दिनेश चंद्र जोशी की यह कहानी उन युवाओं के लिए मोटीवेशन है, जो नौकरी के पीछे भागने के बजाय स्वरोजगार और उद्यमिता को अपनाकर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, बल्कि दूसरों को भी आगे बढ़ाने का सपना देखते हैं.
Location :Haldwani-cum-Kathgodam,Nainital,Uttarakhand First Published :March 08, 2025, 19:49 ISThomebusinessनौकरी छोड़ बनाया खुद का ब्रांड, 22 तरह की हर्बल चाय से ये युवा कमा रहा लाखों!
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