Success Story: बीकाजी की भुजिया तो आपने खूब खाई होगी, लेकिन क्या आप इस भुजिया बनाने वाली कंपनी के मालिक की कहानी जानते हैं. कैसे राजस्थान के एक छोटे-से शहर से बीकाजी का कारोबार देशभर में फैल गया और विदेशों तक बीकाजी के नमकीन की डिमांड बढ़ने लगी. बिकाजी के बिजनेस को जमाने के पीछे कारोबारी शिव रतन अग्रवाल का दिमाग था. खास बात है कि उन्होंने स्कूल की पढ़ाई तक पूरी नहीं की और नमकीन के धंधे में कूद गए, और यहां अच्छे-अच्छे बिजनेसमैन को पीछे छोड़ दिया. अब शिव रतन अग्रवाल फूड इंडस्ट्री के जाने-माने बिजनेसमैन हैं. साल 1986 में उन्होंने अपने बेटे दीपक के नाम से शिवदीप प्रोडक्ट्स के रूप में कंपनी की शुरुआत की. साल 1993 में उन्होंने बीकाजी ब्रांड लॉन्च किया. आइये जानते हैं बीकाजी और बीकाजी के फाउंडर की सक्सेस स्टोरी
1993 में शुरुआत लेकिन 80 साल पुराना इतिहास
बीकाजी ब्रांड की शुरुआत 1993 में हुई थी, लेकिन इसका इतिहास 80 साल पुराना है. आपको जानकर हैरानी होगी की बीकाजी की जड़ें हल्दीराम से जुड़ी हैं. दरअसल 1940 में बीकानेर में कारोबारी गंगाबिशन अग्रवाल ने ‘हल्दीराम’ की शुरुआत की थी. इसके बाद नमकीन का यह कारोबार मूलचंद अग्रवाल ने संभाला. मूलचंद अग्रवाल के चार बेटे शिवकिशन अग्रवाल, मनोहर लाल अग्रवाल, मधु अग्रवाल और शिवरतन अग्रवाल थे. इनमें से तीन भाइयों ने मिलकर एक नमकीन ब्रांड शुरू किया और उसे नाम दिया ‘हल्दीराम’, जबकि शिवरतन अग्रवाल ने अलग राह चुनी और बीकाजी ब्रांड को बनाया.
शिवरतन अग्रवाल का पढ़ाई में मन नहीं लगा तो उन्होंने 8वीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़कर भुजिया बनाने के बिजनेस में लग गए. शिवरतन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बीकाजी को देश का दिग्गज स्नैक्स ब्रांड बना दिया.
फोर्ब्स के अनुसार, 73 वर्षीय शिवरतन अग्रवाल की रियल टाइम नेटवर्थ 15279 करोड़ रुपये है. भले ही शिवरतन अग्रवाल 8वीं पास नहीं कर सके, लेकिन आज 19621 करोड़ रुपये की मार्केट कैप कंपनी चलाते हैं.
Tags: Business ideas, High net worth individuals, Success StoryFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 11:14 IST
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