राजस्थान में पढ़ा लड़का कनाडा का सबसे बड़ा ‘राज मिस्त्री’, बना दिए 14,000 मकान, नेटवर्थ 19 हजार करोड़ पार

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Bill Malhotra Story : अगर आपके दिल में एक सपना है और उसे पूरा करने की सच्ची लगन है, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. यह बात एक साधारण से भारतीय युवक बिल मल्होत्रा (Bill Malhotra) ने साबित कर दी. मल्होत्रा आज कनाडा की रियल एस्टेट इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक है. कभी उनकी जेब में कुछ नहीं था, लेकिन आज अरबों की संपत्ति के मालिक हैं. उनकी कहानी हर उस आम आदमी के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों के बीच भी कुछ बड़ा करने का सपना देखता है. बिल की जिंदगी बताती है कि मेहनत, समझदारी और सही फैसले कैसे किसी को फर्श से अर्श तक पहुंचा सकते हैं.

बिल मल्होत्रा का जन्म भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ. दिल्ली की यादें उनके जेहन में अब भी ताजा हैं. वे अक्सर कहते हैं कि वे दिल्ली में अपने पिता के साथ एक लग्ज़री होटल ‘द क्लैरिजेज’ (The Claridges) में जाया करते थे. उन्होंने राजस्थान के प्रतिष्ठित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) से सिविल इंजीनियरिंग की.

1971 में उनकी उम्र केवल 22 साल की थी. तब उनके भाई अशोक ने उन्हें कनाडा जाने की सलाह दी. उनके भाई वहां एक इंजीनियरिंग कंपनी में काम करते थे. उनके पिता और कनाडा के उस समय के भारत में राजदूत ज्यॉफ्री पियर्सन के अच्छे रिश्तों की वजह से उन्हें वीजा मिलने में देर न लगी. कनाडा पहुंचने के बाद उन्होंने स्ट्रक्चरल इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया और 1974 में प्रोफेशनल इंजीनियर की मान्यता भी प्राप्त कर ली.

नौकरी छोड़कर शुरू किया अपना बिजनेसकरीब 10 साल तक ऑटावा शहर में चीफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया और खुद का कुछ करने की ठानी. 1986 में उन्होंने क्लैरिज होम्स (Claridge Homes) नाम से अपनी रियल एस्टेट कंपनी की शुरुआत की. कंपनी का नाम दिल्ली के उस होटल के नाम पर रखा, जहां वे बचपन में अपने पिता के साथ आते-जाते थे.

शुरुआत में उनके पास बहुत पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर एक लाइन ऑफ क्रेडिट ली. मतलब उन्होंने घर गिरवी रखकर लोन लिया. उन्होंने एक पुरानी इमारत को ठीक करने का काम शुरू किया. यह काम काफी जोखिम से भरा तो था, लेकिन सफलता मिलने पर भविष्य की नई राह खुलने की उम्मीद थी. मेहनती तो बिल मल्होत्रा शुरू से ही थे. उनका यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा. बस फिर क्या था, यहीं से क्लैरिज होम्स की नींव पक्की होने लगी.

बनाए 14,000 से ज्यादा मकानबिल मल्होत्रा की दूरदर्शिता और मेहनत से उनकी कंपनी ने जबरदस्त तरक्की की. अब तक क्लैरिज होम्स 14,000 से ज्यादा मकान, फ्लैट्स, रेंटल यूनिट्स, रिटायरमेंट होम्स और होटल बना चुकी है. उनकी कंपनी ने ‘क्लैरिज आइकॉन’ नामक ऑटावा की सबसे ऊंची बिल्डिंग भी बनाई, जिसकी ऊंचाई 469 फीट है. इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में भी कंपनी का विस्तार किया, जहां पिछले 20 साल से वे एक्टिव हैं और काम कर रहे हैं.

बिल मल्होत्रा अब अपने बेटों नील और शॉन के साथ कंपनी का कामकाज देखते हैं. दोनों बेटे पिछले दो दशकों से कंपनी में काम कर रहे हैं और भविष्य में उसे संभालने के लिए तैयार हैं. दोनों ने कंपनी को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इसके अलावा उन्होंने स्पोर्ट्स में भी निवेश के नए विकल्प तलाशे हैं, जैसे कि ओटावा सेंटर्स हॉकी टीम में हिस्सेदारी लेना.

बिल मल्होत्रा सिर्फ बिज़नेस तक सीमित नहीं हैं. वे समाजसेवा में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. ‘मल्होत्रा फैमिली फाउंडेशन’ के ज़रिए उन्होंने फूड बैंक, हेल्थकेयर और युवाओं से जुड़े कई कार्यों को सपोर्ट किया है. उनकी जिंदगी यह सिखाती है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वो छोटे शहर से आया हो या बड़े, अगर इरादे मजबूत रखे तो वह न सिर्फ अपने सपनों को साकार कर सकता है, बल्कि दूसरों की जिंदगी को भी बेहतर बना सकता है.

बिल मल्होत्रा की नेटवर्थफोर्ब्स के रियल टाइम नेटवर्थ मीटर के मुताबिक, बिल मल्होत्रा की नेटवर्थ 2.3 बिलियन डॉलर है. रुपयों में 1,95,18,08,75,000 (साढ़े 19 हजार करोड़ से अधिक). 2021 में उनकी नेटवर्थ 1.2 बिलियन डॉलर ही थी. पिछले चार वर्षों ने यह बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है. उनकी कमाई का मुख्य जरिया उनकी कंपनी क्लैरिज होम्स ही है.

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