Last Updated:March 20, 2025, 18:19 ISTVaishali Umesh Pandey Beekeeping: वैशाली के रहने वाले उमेश पांडेय फरीदाबाद में रहकर मजदूरी करते थे. मजदूरी करने के बाद जब घर लौटे को 25 बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया. इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण भी लिया. धीरे-…और पढ़ेंX
मधुमक्खी बॉक्स से शहद निकलते मजदूरहाइलाइट्सउमेश पांडेय ने मधुमक्खी पालन से हर माह 10-12 लाख की कमाई की.उमेश ने 25 बॉक्स से शुरुआत कर अब 1000 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं.मधुमक्खी पालन से 15 लोगों को रोजगार भी मिला है. वैशाली. बिहार को पहले लोग मजदूर की फैक्ट्री कहते थे. रोजगार नहीं होने के कारण लोग बिहार और अपने गांव से दूर जाकर दूसरे प्रदेश में मजदूरी करते थे. उस वक्त किसान धान, गेहूं और मक्का की खेती कर अपना पालन-पोषण करते थे. लेकिन, जैसे-जैसे समय बदला, बिहार रोजगार और कृषि क्षेत्र में विकास की ओर बढ़ चला है. वैशाली जिले के कटारमाला गांव के किसान उमेश पांडे 1990 से 1994 तक फरीदाबाद में रहकर मजदूरी करते थे.
उस वक्त 300 रूपए महीने पर मजदूरी कर अपने घर-परिवार चला रहे थे. लेकिन, जब 1994 में अपने गांव वापस आए तो देखा कि गांव में लोग मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. तब उन्होंने भी इसकी जानकारी ली और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा जाकर 30 दोनों का प्रशिक्षण लिया और मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया और अब हर माह लाखों में कमाई कर रहे हैं.
एक हजार बॉक्स में कर रहे मधुमक्खी पालन
उमेश पांडे ने मधुमक्खी पालन की शुरुआत 25 बॉक्स से की थी. एक समय तो ऐसा आया कि उमेश पांडे मधुमक्खी पालन में कमाई नहीं होने के कारण परेशान भी थे. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 1998 के बाद मधुमक्खी पालन की काम में और तेजी लाया और 200 बॉक्स से मधुमक्खी पालन कर शहद तैयार करना शुरू किया. उमेश ने बिहार ही नहीं दूसरे प्रदेश में भी जाकर धुमक्खी पालन किया और एक सप्ताह में एक बॉक्स से 7 किलो से ऊपर शहद तैयार कर बाजार और बड़ी-बड़ी कंपनी को सप्लाई करने लगे. इससे मधुमक्खी पालन में मन लग गया और आज 1000 बॉक्स मधुमक्खी पालन कर रहे हैं और शहद तैयार कर रहे हैं. इसके अलावा 15 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. ये लोग उमेश के पास सालोभर काम करते हैं.
हर माह 10 लाख से अधिक कर रहे कमाई
उमेश ने बताया कि मधुमक्खी पालन में मुनाफा है तो, लेकिन पहले वाली बात नहीं रह गई है. मार्केट में डिमांड भी कम हो गई है और बिचौलिया अधिक हावी होने लगा है. इससे तैयार शहर का रेट भी गिर गया है.इस वजह से मधुमक्खी पालकों की परेशानी भी बढ़ गई है. हलांकि उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से ही लाइफ स्टाइल में बदलाव आया और इसने तकदीर बदलने का भी काम किया. मधुमक्खी पालन से होने वाली कमाई से बड़े-बड़े काम को अंजाम दिया है. बच्चों को बिहार से बाहर भेजकर पढ़ा भी रहे हैं. वहीं मधुमक्खी पालन से हर माह 10 से 12 लाख की कमाई कर रहे हैं.
First Published :March 20, 2025, 18:19 ISThomebusinessइस काम ने मजदूर की बदल दी किस्मत, हर माह 10 लाख से अधिक हो रही कमाई
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