बागेश्वर की अर्चना भंडारी ने पारंपरिक ऐपण कला से बदली अपनी जिंदगी!

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Last Updated:April 24, 2025, 19:04 ISTAipan Art Uttarakhand: बागेश्वर की अर्चना भंडारी ने ऐपण कला में सफलता पाई है. उन्होंने शौक से शुरू किया और अब ऑनलाइन ऑर्डर लेकर आत्मनिर्भर बनी हैं. परिवार का सहयोग और सांस्कृतिक विरासत को संजोने में उनका योगदान…और पढ़ेंX

अर्चना भंडारी अपने सास-ससुर के साथ हाइलाइट्सअर्चना भंडारी ऐपण कला में आत्मनिर्भर बनीं.ऑनलाइन ऑर्डर लेकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं.परिवार का सहयोग और सांस्कृतिक विरासत को संजोने में योगदान.बागेश्वर: अगर किसी इंसान में मेहनत और कुछ नया सीखने का जज्बा हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार करके अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है. कैसी ही कर दिखाया है बागेश्वर जिले की अर्चना भंडारी ने जो आज एक सफल ऐपण आर्टिस्ट के रूप में पहचानी जाती हैं, और अपनी कला से न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को भी संजो रही हैं.अर्चना ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि करीब पांच-छह साल पहले उन्होंने देहली (आंगन की जमीन) पर ऐपण डिज़ाइन बनाना शुरू किया था. यह सब एक शौक के रूप में शुरू हुआ था, जब वह अपने खाली समय में घर की देहली को सुंदर ऐपण डिज़ाइनों से सजाया करती थीं. धीरे-धीरे उनके डिज़ाइनों की चर्चा पड़ोस में फैलने लगी और लोगों ने उनकी कला की सराहना की.

ऑनलाइन मिल रहें ऑर्डरजब आस-पड़ोस के लोग अर्चना के काम को देखकर उन्हें अपने घरों में ऐपण डिज़ाइन बनाने का आमंत्रण देने लगे, तो उन्हें इस कला में एक करियर की संभावना दिखाई दी. शुरुआत में छोटे स्तर पर काम किया, लेकिन जब काम के बदले उन्हें पैसे मिलने लगे, तो उन्होंने इसे पेशेवर रूप से करना शुरू कर दिया. अब वह सोशल मीडिया के जरिए अपने डिज़ाइनों को शेयर करती हैं और ऑनलाइन ऑर्डर लेकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रही हैं.अर्चना शादीशुदा हैं और उनके सास-ससुर भी इस काम में उनका पूरा सहयोग करते हैं. उनका मानना है कि अगर घर की बहू कुछ अच्छा कर रही है, तो पूरे परिवार को उसका साथ देना चाहिए. अर्चना के ससुर, पूर्व सूचना अधिकारी राजेन्द्र परिहार का कहना है कि परिवार का सहयोग अर्चना की सफलता में अहम भूमिका निभा रहा है.

सांस्कृतिक विरासत संजो रही अर्चनाअर्चना भंडारी की यह कहानी न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पारंपरिक कला को अपनाकर भी कोई युवा आत्मनिर्भर बन सकता है. ऐपण जैसी लोक कला को जीवित रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने में अर्चना का योगदान बेहद सराहनीय है. उनकी कला ने उन्हें सिर्फ पहचान दिलाई है, बल्कि वह अब दूसरी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं.
Location :Bageshwar,Uttarakhand First Published :April 24, 2025, 19:04 ISThomebusinessबागेश्वर की अर्चना भंडारी ने पारंपरिक ऐपण कला से बदली अपनी जिंदगी!

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