Last Updated:March 09, 2025, 17:03 ISTगोंडा की किरण मिश्रा ने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर चिप्स और पापड़ व्यवसाय शुरू किया, जिससे वह हर महीने 50,000-60,000 रुपये कमा रही हैं. उनके साथ 12 महिलाएं भी कार्यरत हैं, और उनके उत्पाद स्थानीय दुकानों व मॉल …और पढ़ेंX
किरण मिश्रा.गोंडा- उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड झंझरी के ग्राम पंचायत पूरे तिवारी की एक महिला, श्री राधे स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी हैं. किरण मिश्रा ने समूह से जुड़ने के बाद घर पर ही आलू के चिप्स और पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू किया, जिससे आज वह सालाना लाखों रुपये का टर्नओवर प्राप्त कर रही हैं.
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमिकिरण मिश्रा ने पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह एक हाउसवाइफ के रूप में जीवन बिता रही थीं, लेकिन स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया. आज उनके साथ 12 अन्य महिलाएं भी इस कार्य में सहयोग कर रही हैं और रोजगार प्राप्त कर रही हैं.
चिप्स और पापड़ के बिज़नेस का आइडिया कहां से मिला?किरण मिश्रा बताती हैं कि होली के समय हर घर में चिप्स और पापड़ बनाए और खाए जाते हैं. इसी से प्रेरित होकर उन्होंने इस व्यवसाय की शुरुआत की. इस व्यवसाय ने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और अब वह हर महीने अच्छी आय अर्जित कर रही हैं.
महिलाओं को रोजगार कैसे मिला?इस व्यवसाय के माध्यम से किरण मिश्रा ने 12 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है. यह सभी महिलाएं मिलकर चिप्स और पापड़ बनाने का कार्य करती हैं, जिससे उन्हें भी आर्थिक लाभ हो रहा है.
पापड़ तैयार करने की प्रक्रिया प्रक्रिया?आलू के पापड़ तैयार करने के लिए पहले उच्च गुणवत्ता वाले आलू का चयन किया जाता है. उन्हें उबालकर कद्दूकस किया जाता है और फिर उसमें सेंधा नमक, कसूरी मेथी, लाल मिर्च और अन्य मसाले मिलाए जाते हैं. इस बार किरण मिश्रा ने 2 कुंटल आलू और 1 कुंटल सूजी के पापड़ तैयार किए हैं. उनके उत्पाद व्रत के दौरान भी सेवन किए जा सकते हैं.
बिज़नेस में लागत और टर्नओवरकिरण मिश्रा बताती हैं कि चिप्स और पापड़ तैयार करने में लगभग 10,000 से 15,000 रुपये की लागत आती है.
उनका मासिक टर्नओवर 50,000 से 60,000 रुपये तक पहुंच चुका है. इस तरह, उनका व्यवसाय न केवल उन्हें बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रहा है.
सप्लाई कहां-कहां?किरण मिश्रा बताती हैं कि उनके चिप्स और पापड़ की सप्लाई गोंडा जिले की कई निजी दुकानों और मॉल में हो रही है. इसके अलावा, वे अपने घर से भी इसकी आपूर्ति कर रही हैं.
सिक्सका मस्त और आगेमबाढ़किरण मिश्रा जैसी महिलाओं की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि आत्मनिर्भर बनने के लिए केवल एक सही विचार और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. उनका यह सफर न केवल उनके लिए बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है.
Location :Gonda,Uttar PradeshFirst Published :March 09, 2025, 17:03 ISThomebusinessहोली के स्वाद से बनी सफलता की मिसाल! गृहिणी से उद्यमी बनीं किरण मिश्रा!
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