ग्वालियर से आगरा के बीच बनने वाले 121 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस के निर्माण के लिए 11 महीने में 19 बार तारीख बढ् चुकी है। लेकिन एक्सप्रेस वे के टैंडर नहीं हो पाए हैं। इस वजह से एक्सप्रेस वे निर्माण में देरी हाे रही है और निर्माण नहीं हो पा रहा है।By Priyank Sharma Publish Date: Sun, 17 Nov 2024 11:14:24 AM (IST)Updated Date: Sun, 17 Nov 2024 12:47:05 PM (IST)ग्रीनफील्ड हाइवे का सांकेतिक चित्र।HighLightsअब बढ़ाकर तीन दिसंबर कर दी टेंडर खोलने की तारीख, मुआवजा राशि का हो रहा है निर्धारण11 महीनों में 19 बार टेंडर खोलने की तारीख में संशोधन हो चुके हैं, लेकिन नहीं हो पाए टैंडर30 महीनों में कंपनी को वर्तमान हाइवे की मरम्मत के साथ ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण करना होगानईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ग्वालियर से आगरा तक एक घंटे, दिल्ली तक ढाई घंटे और उत्तराखंड तक साढ़े पांच घंटे में पहुंचाने के लिए प्रस्तावित ग्वालियर-आगरा सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की टेंडर प्रक्रिया में पूरा साल निकल जाएगा।नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने पांच जनवरी 2024 को 3841 करोड़ रुपये की लागत से 88.400 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण और वर्तमान 121 किमी लंबे फोरलेन हाइवे की मरम्मत का टेंडर जारी किया था। पहले तो केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति में टेंडर की तारीख बढ़ाई जाती रही। इसके बाद मामला भू-अर्जन में उलझा हुआ है।यही कारण है कि पिछले 11 महीनों में 19 बार टेंडर खोलने की तारीख में संशोधन हो चुके हैं, जबकि तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए 17 संशोधन किए जा चुके हैं। अब एनएचएआइ ने तीन दिसंबर की तारीख टेंडर खोलने के लिए तय की है, लेकिन 90 प्रतिशत भू-अर्जन पूरा होने के बाद ही टेंडर खोला जा सकेगा। ऐसे में अगले साल की दूसरी छमाही में ही मौके पर काम की शुरूआत होने की संभावना है।काम शुरू होने के बाद 30 महीनों में कंपनी को वर्तमान हाइवे की मरम्मत के साथ ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण करना होगा। एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है और इसमें मुआवजा निर्धारण किया जा रहा है।तीन राज्यों में होना है भूमि अधिग्रहण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 100 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाना है। उत्तर प्रदेश के आगरा, राजस्थान के धौलपुर और मध्यप्रदेश के मुरैना व ग्वालियर जिले की सीमा इसमें शामिल हैं। ग्वालियर में सिर्फ सुसेरा गांव में ही भूमि अधिग्रहण होना है। एनएचएआइ ने भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी थी और 90 प्रतिशत भू-अर्जन होने की स्थिति में ही टेंडर खोलने की शर्त रखी गई थी, ताकि कंपनी के अनुबंध कर जल्द काम की शुरूआत हो सके। अब इसमें भी परिवर्तन किया गया है। एक बार मुआवजा राशि का निर्धारण होने के बाद टेंडर खोल दिए जाएंगे। पहले हमने 90 प्रतिशत भू-अर्जन के बाद ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के टेंडर खोलने की प्लानिंग की थी, लेकिन अब इसमें परिवर्तन किया गया है। भू-अर्जन के लिए मुआवजा राशि का निर्धारण होने पर टेंडर खोल दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया में भी तेजी लाई जा रही है। उमाकांत मीणा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआइ
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Greenfield six lane News: 11 महीनों में 19 बार बढ़ी तारीख, नहीं हो पाया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का टेंडर

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