शेयर बाजार में आई सील खरीदकर निवेशकों की सोच रहे उद्यम को बड़ा झटका लगने का अंदेशा है। इन दिनों ऐसे बिजनेस भी आई पिपरी ला रही हैं, लोन बिजनेस ही ज्यादा नहीं है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के कई किसान अपनी आई सील ला रही हैं और कुछ तो ला भीलहे हैं। आई.सी.वी. के लिए मेरी कमिशन भी ली जा रही है।
द्वारा प्रशांत पांडे
प्रकाशित तिथि: बुध, 04 सितम्बर 2024 08:15:13 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: बुध, 04 सितम्बर 2024 08:23:10 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- कंपनी से 40 प्रतिशत तक कमीशन लेकर लॉन्च कर रहे आई कंपनियां।
- अब 5-10 टर्न ओवर वाली कंपनियां भी ला रही हैं करोड़ों सेवाएं।
- आम बिजनेसमैन छोटी सोसायटी के आई जीपीआरएस के नाम पर ठगा रहे हैं।
लोकेश शेयर बाजार, नईदुनिया प्रतिनिधि (शेयर मार्केट आईपीओ)। शेयर बाजार में निवेश के साथ आई शेयर बाजार में भारी कमाई का अंदेशा है। एक साल में ऐसी ही कुछ कंपनियों का कुल कारोबार कुछ करोड़ रुपये का हो गया है। मालवा-निमाड़ में व्यापारी और कारोबारी भी पीछे नहीं हैं।
इंदौर-उज्जैन-रतलाम क्षेत्र में कम से कम 10 से ज्यादा छोटे उद्योग और व्यापारी उतरने की तैयारी में हैं। इनमें से मृत आई ओपीडी ला भी प्रमाणित हैं। मोटो कमीशन के वैकल्पिक आईएलए लॉन्च बिजनेस का कारोबार शुरू हो गया है।
आई जांच पर नियंत्रण के नियम बनाने की मांग
इंदौर से मांग की गई है कि सेबी आई शोरूम पर नियंत्रण के नियम बनाए रखें। छोटे बिजनेसमैन के नाम पर आम बिजनेसमैन थमा रहे हैं। डेज़ डेज़ दिल्ली में जब आठ कर्मचारी और 16 करोड़ टर्न ओवर वाला एटोमोबाइल छोटे आई डीवीडी लेकर आए और सब्स पार्ट 400 गुना हुआ तो शोर मचा दिया था।
40 प्रतिशत कमिशन पर आई निकोलाई करवा रहे हैं
वित्त मानक महेश नटानी के अनुसार, इससे पहले मप्र के कई कारखाने ऐसे कमाल कर चुके हैं। कई लाइन लगी हुई हैं। मार्केट में ऐसे फंड और ईशु मैनेजर काम कर रहे हैं जो 40 प्रतिशत तक कमीशन लेकर आई बिकवा करवा रहे हैं।
5-10 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी में विसर्जन से लेकर जेब तक 100-200 करोड़ रुपये तक का बिजनेस अपना नाम कर रही है। इश्यु मैनेजर टर्नओवर से लेकर प्रोफिट तक के दस्तावेज हासिल कर रहे हैं। ठेकेदार की बात ये है कि ये भी अनिवार्यता नहीं है कि आप पासपोर्ट के ड्राफ्ट की सेबी से जांच कर सकें।
रैंकिंग
छोटी कंपनियों के सब्स लीडरशिप बढ़ाने के लिए ईशू मैनेजर स्टॉकमेंट का सहारा ले रहे हैं। बड़े सामान रखने वाले लोगों से कुछ दिनों के लिए पैसा लगवा रहे हैं। ओवरसब्स शेयरहोल्डर आम निवेशक फंसता है। जब शेयर लिस्ट हो जाती है और ईशू मैनेजर और ऐसे लोग कमीशन लेकर बाहर हो जाते हैं तब आम निवेशक ठगा जाता है और उसका पैसा डूब जाता है।
चार्टर्ड एकाउंटेंट सीए सुमित सिंह मोंगिया के सेबी ने छोटी कंपनियों के लिए कोई सीमा नहीं रखी है। खैर ही कंपनी का टर्नओवर पांच करोड़ रुपए का है और इसके लिए 50 करोड़ रुपए भी कंपनी की कंपनी ले लेती है। इस पर नियमन की जरूरत है।
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