गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार की गिरावट के बाद शुक्रवार को भारतीय बाजार पर भी असर पड़ा, शेयर बाजारों और कंपनियों के शेयर बाजार में गिरावट आई। अमेरिका में मंदी के संकट और ग़रीब घाटे के कारण वॉल स्ट्रीट और यूरोपीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आई। भारतीय बाजार में पीक पर होने के कारण स्टार्स ने करेक्शन की संभावना जताई है। बाज़ार के डेल की असल वजह जानिए।
द्वारा अनुराग मिश्रा
प्रकाशित तिथि: शुक्र, 02 अगस्त 2024 07:05:54 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शुक्र, 02 अगस्त 2024 07:12:23 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- अमेरिका में मंदी की आपदा से विक्रय करने वालों की संख्या कम हो गई है।
- ऑर्गेनिक व मेडिकल लाल निशान पर बंद होने से उपज का नुकसान।
- अर्थशास्त्रियों ने कहा- बाजार के शिखर पर पहुंचने से करेक्शन की उम्मीद।
बिजनेस डेस्क, रेस्तरां। गुरुवार को अमेरिका का शेयर बाजार बुरी तरह गिरा था। शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ार का बुरा हाल रहा। इसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका में बाजार में गिरावट के कारण शुक्रवार को भारत में सस्ते बिकवाली की पेशकश की गई। इधर, गैजेट्स गिरावट का कारण भारतीय शेयर बाजार का पीक मन रह रहे हैं। हम आपको गिरावट की वास्तविक वजह बताने वाले हैं।
सप्ताह के अंतिम दिन वनस्पति वॅयस्टर दोनों लाल निशान पर बंद हो गए। क्वालिटी में 885.60 पॉइंट यानी 1.08 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अब कंपनी 80,981.95 के स्तर पर पहुंच गई है। जादूगर में 293.20 प्वाइंट 1.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। 24,717.70 के स्तर पर पहुँच गया।
अमेरिका में वृद्धि का खतरा
विनोद नायर, रिसर्च हेड्स (जियोजीत आर्टिस्ट) ने कहा कि अमेरिका में मंदी का संकट फिर से बढ़ रहा है। विशेष रूप से, भरोसेमंद अचल संपत्ति डेटा के साथ। इसी वजह से वॉल स्ट्रीट के स्टॉक में गिरावट आई। यूरोप में भी अनपेक्षित बैंक आय के बाद शेयर बाजार ने भारी गोटा लगाया। अमेरिका में सभी तीन प्रमुख सचिव नीचे बंद हो गए। नैस्डैक कंपनी में सबसे अधिक 2.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिकन वेल्थ बिल्डर्स और इक्विटी रिसर्चर कंपनी स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज, एलएलसी के पीटर कार्डिलो ने आर्थिक विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘बेरोज़गारी के दावे और भी बहुत कुछ हैं। बाजार को यह डर सताने लगा है कि अर्थव्यवस्था इतनी धीमी गति से चल रही है कि हम अब से आठ से 12 महीने बाद मंदी की ओर देख सकते हैं।
पीकपॉइंट भारतीय शेयर बाजार पर
भारत का शेयर बाजार पिछले कुछ समय से तेजी का रुख बना हुआ है। प्रोडक्शन हाउस अपनी सर्वकालिक ऊंचाइयों पर पहुंच गया। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यहां से कोई भी मार्केटिंग नहीं कर सकता है। बाज़ार में करेक्शन की संभावना अधिक है। बेटर्स ने कुछ शेयर की वैल्यूएशन पर चिंता जताई है। वह उद्यम से सावधान निवेश करने की सलाह दे रहे हैं।
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