रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड शेयर: अनिल अंबानी की ज्यादातर दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इनमें से एक कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस भी है। एक दौर में टेलीकॉम सेक्टर की टेलीकॉम कंपनी में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस के खस्ता हालात की वजह से शेयर भी बुरी तरह शामिल हो गए हैं। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों से इस शेयर की ट्रेडिंग बंद है।
शेयर का टिप्स
कुछ साल में रिलेक्स कम्युनिकेशंस के स्टॉक में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। वर्ष 2007-08 में एक बार 750 रुपये प्रति शेयर से ऊपर कारोबार करने के बाद यह शेयर 2 रुपये के स्तर पर आ गया। इस दावे से शेयर करें 99 फीसदी का नुकसान।
कंपनी पर कितना है कर्ज
रिलांयस पर 30 सितंबर तक कुल 40,413 करोड़ रुपये का कर्ज था। इनमें शॉर्ट और लॉन्ग टर्म, दोनों तरह के कर्ज़ शामिल हैं। हालाँकि, इस कुल राशि में बैंकों और वित्तीय निवेशकों की लोन पर 27,867 करोड़ रुपये की दिलचस्पी शामिल नहीं है और ना ही इसमें गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) पर 3,151 करोड़ रुपये की दिलचस्पी शामिल है। बताएं कि रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवाला और दिवालियापन कोड, 2016 के साथ कंपनी के दिवालियापन समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
शेयरहोल्डिंग आलेख
रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर होल्डिंग ऑफर की बात करें तो प्रोमोटर के पास 1.85 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वहीं, पब्लिक शेयर होल्डर्स के पास 97.38 फीसदी की हिस्सेदारी है। प्रमोटर्स में अनिल अंबानी की फैमिली है।
एनसीएलएटी ने दी थी राहत
हाल ही में एनसीएलएटी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस से मित्रता का दावा करने वाली राज्य कर विभाग की अर्जी को खारिज कर दिया है। कंपनी के दावेला के खिलाफ मुकदमा शुरू होने के बाद वृत्तचित्र पर आधारित था। एनसीएलएटी की दो कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ न्यायिकधिकरण (एनसीएलटी) को मुंबई की कंपनी का ऑर्डर दिया, जिसने राज्य कर विभाग के 6.10 करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दिया था।
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