Last Updated:April 16, 2025, 14:05 ISTAnmol Singh Jaggi Fraud : बाजार नियामक सेबी ने जेनसोल के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गज और पुनीत जग्गी को शेयर बाजार में किसी भी तरह की गतिविधि से रोक दिया है. दोनों पर कंपनी के फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप …और पढ़ेंअनमोल सिंह जग्गी ने कंपनी फंड से करोड़ों रुपये का अपार्टमेंट खरीदा. हाइलाइट्ससेबी ने अनमोल सिंह जग्गी को शेयर बाजार से रोका.जग्गी ने कंपनी के करोड़ों रुपये निजी खर्चों पर उड़ाए.जग्गी ने डीएलएफ में लग्जरी अपार्टमेंट खरीदे.नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Ltd) और इसके प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी व पुनीत सिंह जग्गी को तत्काल प्रभाव से शेयर बाजार में किसी भी तरह की भागीदारी से रोक दिया है. सेबी ने यह कदम कंपनी के प्रमोटर्स पर फंड के दुरुपयोग के आरोपों के बाद उठाए हैं. कंपनी के प्रमोटर पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी की राशि गबन कर उसे पानी तरह बहाया और लोगों के पैसों का दुरुपयोग किया.
जेनसोल के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि अनमोल ने कंपीन के पैसों से लग्जरी अपार्टमेंट खरीदे, मां और पत्नी को भी करोड़ों रुपये बांटे और अपने शौक पूरे करने के लिए लाखों रुपये गोल्फ में उड़ा दिए. इतना ही नहीं उनकी कंपनी में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की खामियां भी मिली हैं. मामले का खुलासा होने पर सेबी ने उन्हें शेयर बाजार से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है.
राजाओं की तरह जीवनशैलीभारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के अंतरिम आदेश ने Gensol Engineering के सह-संस्थापक अनमोल सिंह जग्गी की शाही जीवनशैली के खर्चों का खुलासा किया है. सेबी ने 15 अप्रैल को अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी में प्रमुख पदों पर रहने और प्रतिभूति बाजार में भाग लेने से रोक दिया है. यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा.दोनों पर राइड-हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से संबंधित कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट का भी आरोप लगाया गया है.
कहां-कहां उड़ाए कंपनी के पैसे
सेबी के दस्तावेज में दिखाया गया है कि अनमोल सिंह जग्गी ने डीएलएफ कैमेलियास में करोड़ों रुपये के अपार्टमेंट खरीदे. इसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये बताई जाती है.
इसके अलावा उनके पास से 1.86 रुपये मूल्य की यूएई की दिरहम करेंसी भी मिली है.अपने शौक पूरे करने के लिए 26 लाख रुपये के गोल्फ गियर खरीदे और लाखों रुपये अपने स्पा के बिल पर भी उड़ा दिए.
अनमोल सिंह जग्गी ने BluSmart कंपनी के लगभग 25.76 करोड़ रुपये को व्यक्तिगत और पारिवारिक उपयोग के लिए डायवर्ट किया. इसके जरिये क्रेडिट कार्ड पर भारी खर्च, स्पा पर 10 लाख रुपये का खर्च, लग्जरी घड़ियां खरीदना शामिल है.
अनमोल जग्गी ने अपनी पत्नी को कंपनी के फंड से 2.98 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जबकि मां को 6.20 करोड़ रुपये भेजे थे.
उन्होंने ICICI सिक्योरिटीज में 23 लाख रुपये का व्यक्तिगत निवेश किया था और उनके व्यक्तिगत क्रेडिट कार्ड भी 9.95 लाख से अधिक खर्च किए गए थे.
टाइटन कंपनी से 17.28 लाख के लग्जरी सामान मंगाए और मेयो डिज़ाइन पर 8 लाख रुपये खर्च किए.
मेकमायट्रिप के जरिये अपनी यात्रा पर भी उन्होंने 3 लाख खर्च कर दिए, जो कंपनी के फंड से भुगतान किया गया.
ऐसे लगाया करोड़ों का चूना जग्गी ने डीएलएफ कैमलियास के जिस लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये लगाए थे, वहां मकानों की शुरुआत 70 करोड़ रुपये से होती है. गुरुग्राम के सेक्टर 42 स्थित इस प्रोजेक्ट में 4BHK, 5BHK और 6BHK luxury अपार्टमेंट बनाए जाते हैं. इस अपार्टमेंट के लिए जग्गी ने अपनी कंपनी जेंसोल के जरिये भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) से 71.41 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और अपने खाते से 26 करोड़ रुपये और जोड़े थे. इस तरह कुल राशि लगभग 97 करोड़ रुपये हो गई. कुछ दिनों बाद यह पैसा गो-ऑटो को भेजा गया, जो कंपनी और इसके प्रमोटरों से जुड़ा एक कार डीलर है. उसी दिन गो-ऑटो ने 50 करोड़ रुपये एक अन्य संस्था, कैपब्रिज वेंचर्स को ट्रांसफर कर दिए, जिसे जेंसोल के प्रमोटर जग्गी भाइयों द्वारा चलाया जाता है. कैपब्रिज वेंचर्स ने फिर 42.94 करोड़ रुपये का उपयोग डीएलएफ को द कैमेलियास प्रोजेक्ट में एक अपार्टमेंट की खरीद के लिए भुगतान करने में किया. इस तरह, कंपनी के पैसों की हेराफेरी करके जग्गी ने खुद के लिए लग्जरी अपार्टमेंट खरीदा.
सेबी बोला- यह सीधा फर्जीवाड़ा है सेबी ने कहा कि यह फंड डायवर्जन का स्पष्ट मामला है. ईवी लीजिंग के लोन को संबंधित पार्टियों के माध्यम से रियल एस्टेट डील में भेजा गया. अपार्टमेंट उस फर्म के नाम पर खरीदा गया था जहां अनमोल सिंह जग्गी और उनके भाई पुनीत सिंह जग्गी दोनों नामित पार्टनर हैं. सेबी ने बताया कि फर्जी लेनदेन यहीं बंद नहीं हुआ. आगे यह भी पाया गया कि अनमोल सिंह जग्गी की मां जसविंदर कौर ने अपार्टमेंट के लिए 5 करोड़ रुपये का बुकिंग अमाउंट खुद दिया था. यह पैसा भी जेनसोल से आया था. बाद में जब डीएलएफ ने इस एडवांस को वापस किया तो पैसा जेनसोल को नहीं गया. इसके बजाय, इसे एक अन्य संबंधित कंपनी, मैट्रिक्स गैस और रिन्यूएबल्स में स्थानांतरित कर दिया गया. सेबी की जांच से पता चला कि कंपनी का पैसा वापस करने का कोई इरादा नहीं था. सेबी ने पाया कि यह फ्लैट जग्गी ने अपनी मां के नाम पर खरीदा था.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 16, 2025, 14:05 ISThomebusiness6 करोड़ मां को और 3 पत्नी को, अनमोल सिंह जग्गी ने कैसे लूटे कंपनी के पैसे
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