Last Updated:May 07, 2025, 11:39 ISTअप्रैल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 2.18 अरब डॉलर का निवेश किया, जिससे निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 4.1 फीसदी बढ़ा. एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के अच्छे नतीजों ने भी विदेशी निवेशकों का ध्यान खी…और पढ़ेंहाइलाइट्सअप्रैल में विदेशी निवेशकों ने 2.18 अरब डॉलर का निवेश किया.निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 4.1% बढ़ा.एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के अच्छे नतीजे आकर्षक रहे.नई दिल्ली. जब आम आदमी टीवी पर शेयर बाजार की खबरें देखता है या अखबारों में विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) के बारे में पढ़ता है, तो कई बार उसे लगता है कि ये बातें सिर्फ बड़े कारोबारियों या अमीरों के लिए हैं. लेकिन सच तो ये है कि विदेशी निवेश की हलचल आम आदमी की जेब को भी प्रभावित करती है. जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा लगाते हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था में रफ्तार आती है, कंपनियां आगे बढ़ती हैं, और नौकरियां बढ़ती हैं. शेयर तो ऊपर जाते ही हैं. अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त भरोसा जताया है.
अप्रैल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर में जमकर पैसा लगाया. कई महीनों तक दूरी बनाए रखने के बाद ये निवेशक फिर से लौटते नजर आ रहे हैं. अप्रैल में इन्होंने करीब 2.18 अरब डॉलर के शेयर खरीदे हैं. इस भारी निवेश की वजह से निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 4.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. खास बात यह रही कि अप्रैल के दूसरे हिस्से में ही 2.71 अरब डॉलर का निवेश आया. आखिरी 15 दिनों में यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश का आंकड़ा है. पूरे महीने के लिहाज से यह तीसरा ऐसा महीना था, जिसमें सबसे बड़ा निवेश आया हो.
अब यह तो साफ है कि विदेशी निवेशकों ने पैसा डाला है, मगर सवाल है कि कहां? कौन से सेक्टर उनके फेवरेट बने हुए हैं और वे कहां पैसा लगा रहे हैं? आंकड़ों के मुताबिक, टेलिकॉम और कंज्यूमर सेक्टर में भी विदेशी निवेश आता देखा गया है, लेकिन बाकी ज्यादातर सेक्टरों में पैसे निकाले गए हैं. इसी बीच एक चेतावनी भी आई है. एम्बिट कैपिटल ने कहा है कि अमेरिका और यूरोप में विकास की धीमी रफ्तार और अमेरिका की टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता आईटी सेक्टर की कमाई पर 2026 तक असर डाल सकती है.
शेयर बाजारों पर दिखा इस खरीदारी का असरइस निवेश का असर पूरे बाजार पर दिखा. निफ्टी 50 इंडेक्स में 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 2025 में पहली बार विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से खरीदारी की. बजाज ब्रोकिंग का कहना है कि यह बढ़ोतरी ग्लोबल ट्रेड टेंशन कम होने, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें और भारतीय शेयरों की आकर्षक कीमतों की वजह से हुई. 9 अप्रैल को अमेरिका की तरफ से टैरिफ पर रोक लगाना और भारत के साथ व्यापार समझौते के संकेतों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया.
दो बड़े बैंकों के अच्छे नतीजेइसके अलावा भारत के दो बड़े प्राइवेट बैंकों (एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक) के अच्छे तिमाही नतीजों ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया. इन बैंकों की कमाई ने यह दिखाया कि भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर मजबूत स्थिति में है. इसके उलट आईटी सेक्टर में विदेशी निवेशकों ने 1.8 अरब डॉलर की बिकवाली की, क्योंकि वहां वैश्विक मांग को लेकर चिंता बनी हुई है.
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