कंपनी क्यों करती है स्टॉक्स के टुकड़े, कैसे काम करता है स्टॉक स्प्लिट, उदाहरण से समझें

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Last Updated:February 09, 2025, 12:55 ISTकंपनी स्टॉक स्प्लिट से शेयर की संख्या बढ़ाकर कीमत कम करती है, जिससे निवेशकों के लिए खरीदना आसान होता है और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है. यह प्रक्रिया कंपनी की लिक्विडिटी सुधारती है और निवेशकों का ध्यान आकर्षित करत…और पढ़ेंस्टॉक स्प्लिट में शेयरों को विभाजित किया जाता है.हाइलाइट्सस्टॉक स्प्लिट से शेयर की संख्या बढ़ती है और कीमत कम होती है.स्टॉक स्प्लिट से ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडिटी बढ़ती है.स्टॉक स्प्लिट से निवेशकों का ध्यान आकर्षित होता है.नई दिल्ली. जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है, तो नए निवेशकों के लिए उसे खरीदना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में कंपनी स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का सहारा लेती है, जिससे शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और प्रति शेयर कीमत कम हो जाती है, लेकिन कुल मार्केट वैल्यू में कोई बदलाव नहीं आता. यह प्रक्रिया निवेशकों के लिए शेयर को अधिक सुलभ बनाती है और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाने में मदद करती है.

स्टॉक स्प्लिट आमतौर पर उन कंपनियों द्वारा किया जाता है जिनका प्रदर्शन अच्छा रहता है और उनके शेयर की कीमत बहुत अधिक हो जाती है. इससे न सिर्फ निवेशकों की रुचि बढ़ती है, बल्कि बाजार में लिक्विडिटी भी बेहतर होती है. आइए विस्तार से समझते हैं कि स्टॉक स्प्लिट कैसे काम करता है और इसका निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है.

स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?शेयर की कीमत कम करना – जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है, तो नए निवेशकों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो सकता है. स्टॉक स्प्लिट से शेयर की कीमत कम हो जाती है, जिससे इसे अधिक लोग खरीद सकते हैं.लिक्विडिटी बढ़ाना – जब शेयर की संख्या बढ़ जाती है, तो ट्रेडिंग वॉल्यूम भी बढ़ता है, जिससे शेयर खरीदना और बेचना आसान हो जाता है.निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना – कम कीमत पर उपलब्ध शेयर ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करते हैं, जिससे कंपनी के प्रति रुचि बढ़ती है.पॉजिटिव मार्केट सिग्नल – स्टॉक स्प्लिट आमतौर पर तब किया जाता है जब कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है, जिससे निवेशकों में भरोसा बढ़ता है.

स्टॉक स्प्लिट कैसे काम करता है?स्टॉक स्प्लिट का अनुपात (Ratio) तय किया जाता है, जैसे 2-for-1, 3-for-1, 5-for-1 आदि. इसका मतलब है कि हर मौजूदा शेयरधारक को उनके पुराने शेयरों के बदले अधिक नए शेयर मिलते हैं.

मान लीजिए कि किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत ₹1,000 है और आपने 10 शेयर खरीदे हैं, यानी आपकी कुल होल्डिंग ₹10,000 की है.

अब कंपनी 2-for-1 का स्टॉक स्प्लिट करती है, तो:

आपके 10 शेयर बढ़कर 20 शेयर हो जाएंगे.लेकिन हर शेयर की कीमत ₹1,000 से घटकर ₹500 हो जाएगी.आपकी कुल वैल्यू अभी भी ₹10,000 ही रहेगी.अगर कंपनी 5-for-1 स्प्लिट करती है, तो:

10 शेयर 50 शेयर बन जाएंगे.प्रत्येक शेयर की नई कीमत ₹200 हो जाएगी.कुल वैल्यू अभी भी ₹10,000 रहेगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 09, 2025, 12:55 ISThomebusinessकंपनी क्यों करती है स्टॉक्स के टुकड़े, कैसे काम करता है स्टॉक स्प्लिट

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