इंडेक्स फंड और ETFs क्या हैं?​

spot_img

Must Read

​​जो निवेशक अपनी संपत्ति बढ़ाने का एक आसान और कम खर्च वाला तरीका ढूंढ रहे हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) मजबूत विकल्प हैं. पैसिव (अप्रत्यक्ष) निवेश के ये विकल्प किसी शेयर को खुद चुनने की झंझट के बिना आपको बाजार के प्रदर्शन का फायदा उठाने का मौका देते हैं. ​Nivesh ka Sahi Kadam​ के तहत, आइए जानते हैं कि इंडेक्स फंड और ETF क्या हैं. साथ ही, इनकी खासियत, इनमें क्या अंतर है और ये कैसे आपको समझदारी से निवेश के फैसले लेने में मदद करते हैं.​

​​Index Funds इंडेक्स फंड​

​​इंडेक्स फंड ऐसे म्युचुअल फंड हैं होते हैं जिनका मकसद किसी खास बाजार इंडेक्स जैसे NIFTY 50 या BSE SENSEX के प्रदर्शन को दोहराना होता है. ये फंड इंडेक्स में शामिल कंपनियों में, उसी अनुपात में निवेश करते हैं. इससे अनुपात के मुताबिक ही रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है. यह एक पैसिव निवेश रणनीति है, जिससे निवेशकों को हर थोड़े समय पर इसे प्रबंधित करने की जरूरत नहीं होती है. इसी वजह से ये लंबी अवधि के निवेशकों के लिए कम खर्चीले और भरोसेमंद विकल्प बनते हैं.

​​इंडेक्स फंड की विशेषताएं​

​​लगातार मैनेज नहीं करना पड़ता:​​ इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जिसमें फंड मैनेजर की सीमित भूमिका होती है, जिससे खर्च कम रहता है.

​​कम खर्च अनुपात:​​ जिन फंड हो हर थोड़े दिन पर प्रबंधित करना पड़ता है, उनकी तुलना में इनमें कम शुल्क लगता है। इससे शुद्ध रिटर्न बढ़ता है.

​​विविधता के भरपूर मौके:​​ इंडेक्स की सभी कंपनियों में निवेश किया जाता है. इससे जोखिम का स्तर कम हो जाता है, क्योंकि रिटर्न कई कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.

SIP की सुविधा:​​ निवेशक ₹500 जैसे कम अमाउंट से सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं.

​​दिन के अंत में कारोबार:​​ दिन के नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर खरीदा या बेचा जाता है, जिससे कीमतों की भविष्यवाणी आसान होती है.

ETFs

​​एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) ऐसे निवेश फंड हैं जो किसी इंडेक्स, सेक्टर या एसेट क्लास (जैसे इक्विटी, बॉन्ड, या सोना) को ट्रैक करते हैं. ये फंड शेयर बाज़ार में अलग-अलग शेयरों की तरह कारोबार करते हैं। ETFs​ ​में म्युचुअल फंड की विविधता और रियल-टाइम ट्रेडिंग की सुविधा दोनों मिलती है. इस वजह से ये निवेशकों के लिए सरल और आसानी से खरीदने-बेचने वाले विकल्प बन जाते हैं.

​​ETFs की विशेषताएं​

​​रीयल-टाइम कारोबार:​​ पूरे कारोबारी दिन में बाज़ार की कीमतों पर खरीदे या बेचे जा सकते हैं, जिससे लचीलापन मिलता है.

​​कम खर्च:​​ आमतौर पर एक्टिव फंड से सस्ता होता है, लेकिन इसमें ब्रोकरेज फ़ीस लग सकती है.

​​विविधता:​​ एक साथ कई सिक्योरिटी में निवेश, जिससे किसी किसी एक स्टॉक तक जोखिम सीमित नहीं रहता और कई फंड में निवेश की वज़ह से जोखिम कम हो जाता है.

​​पारदर्शिता:​​ फंड की होल्डिंग हर दिन बताई जाती हैं, जिससे इनका इंडेक्स के साथ तालमेल बना रहता है.

कई विकल्प:​​ इक्विटी, डेट, सोना और सेक्टोरल इंडेक्स के लिए उपलब्ध, जिससे अलग-अलग निवेश लक्ष्य पूरे हो सकते हैं.

​​ETFs और इंडेक्स फंड में अंतर​

​​हालांकि, ETFs और इंडेक्स फंड, दोनों ही सूचकांकों को ट्रैक करते हैं और कम खर्च में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। इनमें कुछ मुख्य अंतर हैं:​

​​कारोबार का तरीका:​​ इंडेक्स फंड AMC या डिस्ट्रीब्यूटर के ज़रिए दिन के अंत में NAV पर AMC या वितरकों के जरिए खरीदे-बेचे जाते हैं. ETFs शेयर बाज़ार में रीयल-टाइम कीमतों पर कारोबार करते हैं, जिससे निवेशक दिन में कभी भी इसे खरीद या बेच सकते हैं.

लिक्विडिटी या तरलता: ​​ETFs को बाजार के कामकाजी समय के दौरान तुरंत खरीदा या बेचा जा सकता है। इंडेक्स फंड में लेन-देन दिन के अंत में होता है, जिससे इसकी लिक्विडिटी (आसानी से खरीदने-बेचने की सुविधा) सीमित होती है.

​​खर्च:​​ इंडेक्स फंड में ब्रोकरेज शुल्क नहीं होता, लेकिन निकासी पर कुछ पैसे देने पड़ सकते हैं। ETFs में ब्रोकरेज़ शुल्क और बिड-आस्क स्प्रेड (बोली लगाने की प्रक्रिया शुल्क) होते हैं, जो रिटर्न पर असर डाल सकते हैं.

कम से कम निवेश:​​ इंडेक्स फंड में कम कीमतों वाले छोटे SIP होते हैं, इन्हें आसानी से निवेशक खरीद सकते हैं। ETFs में कम से कम एक यूनिट खरीदनी पड़ती है, जिसकी कीमत बाज़ार मूल्य पर निर्भर करती है.

पहुंच:​​ इंडेक्स फंड के लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती, जबकि ETFs के लिए डीमैट और ट्रेडिंग खाता जरूरी है..

​​इंडेक्स फंड और ETFs में निवेश क्यों करें?​​​इंडेक्स फंड और ETFs उन निवेशकों के लिए काम के हैं, जो चाहते हैं:​​​किफायती निवेश:​​ कम शुल्क से समय के साथ रिटर्न बढ़ता है.​​सरलता:​​ पैसिव रणनीति से स्टॉक चुनने की जरूरत नहीं.​​लंबी अवधि की वृद्धि:​​ बाज़ार से अनुरूप रिटर्न से संपत्ति बढ़ती है.​​जोखिम कम करना:​​ विविधता से एक ही सिक्योरिटी पर निर्भरता का जोखिम कम होता है.

​​निवेश शुरू करने के लिए, अपने लक्ष्यों के अनुसार इंडेक्स या ETFs चुनें (जैसे लार्ज-कैप के लिए NIFTY 50 या स्थिरता के लिए गोल्ड ETF). इंडेक्स फंड के लिए AMFI- रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म के जरिए SIP शुरू करें या डीमैट खाते से ETF खरीदें. निवेश करने से पहले फंड से जुड़े खर्चे, शुल्क वगैरह के बारे में जान लें. फंड की निगरानी में होने वाली दिक्कतों को समझ लें, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न का लाभ मिल सके।.

​​निष्कर्ष​

​​इंडेक्स फंड और ETF बाज़ार की ग्रोथ में निवेश का एक पारदर्शी और किफ़ायती तरीका देते हैं। चाहे आप SIP-वाले इंडेक्स फंड चुनें या ट्रेड करने वाले ETF. दोनों ही तरीकों के निवेश में आपको अनुशासित और लंबे समय के लिए निवेश में मदद मिलती है. ​Mutual Funds Sahi Hai​ के जरिए हम आपको आर्थिक सुरक्षा के लिए मज़बूत बनाते हैं. ​Nivesh ka Sahi Kadam ​के साथ इंडेक्स फंड और ETF को अपनाएं और भरोसे से संपत्ति बनाएं.

​​म्युचुअल फंड सही है। ‘Nivesh ka Sahi Kadam’ के साथ अपनी आर्थिक यात्रा के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाएं! ​

​​अधिक जानकारी के लिए : 

​​डिसक्लेमर: म्युचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन है. निवेश का फ़ैसला लेने से पहले स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें। अतीत का प्रदर्शन भविष्य में भी वैसे ही नतीजों की गारंटी नहीं है.​​

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -